नई दिल्ली: देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग करनेवाली एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है. याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि देश में बढ़ रहे अपराध और नौकरियों की कमी के साथ-साथ संसाधनों पर बोझ बढ़ने के पीछे सबसे बड़ी वजह बढ़ती जनसंख्या है.
'जनसंख्या नियंत्रण कानून से खत्म हो जाएगी देश की आधी समस्या', याचिका ले HC पहुंचे BJP नेता
याचिका में कहा गया है कि संविधान में अब तक 125 बार बदलाव किए जा चुके हैं, सैकड़ों नए कानून बनाए जा चुके हैं लेकिन जनसंख्या नियंत्रण पर कोई कानून नहीं बन पाया. अगर जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाया जाता है यह देश की आधी समस्याओं को खत्म कर देगा.
याचिका में जस्टिस वेंकटचलैया की अध्यक्षता में गठित नेशनल कमीशन टू रिव्यू द वर्किंग ऑफ द कांस्टीट्यूशन में अनुशंसा किए गए उपायों को लागू करने की मांग की गई है. कमीशन ने अपनी अनुशंसाओं में कहा था कि संविधान में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने की जरूरत है. आयोग ने संविधान की धारा 47ए के तहत जनसंख्या नियंत्रण का कानून बनाने की बात कही थी.
'दो बच्चों का कानून बनाया जाए'
याचिका में कहा गया है कि संविधान में अब तक 125 बार बदलाव किए जा चुके हैं, सैकड़ों नए कानून बनाए जा चुके हैं लेकिन जनसंख्या नियंत्रण पर कोई कानून नहीं बन पाया. अगर जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाया जाता है यह देश की आधी समस्याओं को खत्म कर देगा. याचिका में कहा गया है कि कोर्ट केंद्र सरकार को निर्देश दे कि दो बच्चों का कानून बनाया जाए. याचिका में कहा गया है कि दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों को वोट देने का अधिकार, संपत्ति पर अधिकार और कई दूसरे अधिकारों से वंचित करने का प्रावधान बनाने का दिशानिर्देश जारी करना चाहिए.
याचिका में कहा गया है कि भारत की आबादी चीन की आबादी से भी ज्यादा हो गई है. देश की आबादी की 20 फ़ीसदी लोगों के पास आधार नहीं है. देश में करोड़ों रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोग रह रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि बिना जनसंख्या नियंत्रण के स्वच्छ भारत और बेटी बचाओ अभियान सफल नहीं हो सकता है.