नई दिल्ली: द्वारका सेक्टर-9 के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए इलाज की व्यवस्था की गई है. बावजूद इसके यहां मरीजों के इलाज में बाधा आ रही है, क्योंकि स्थानीय लोग यहां पर कोरोना वायरस का सेंटर बनने का विरोध कर रहे हैं. इस कारण से सोमवार को मॉस्को से आए 28 लोगों को काफी देर तक बिल्डिंग के बाहर ही इंतजार करना पड़ा.
आइसोलेशन कैंप का हुआ विरोध लोगों को डरा रहा है संक्रमण फैलने का खतरा लोगों का कहना है कि यदि उनके घरों के आस-पास कोरोना वायरस आइसोलेशन सेंटर बनता है, तो इससे इलाके के लोगों पर भी संक्रमण का खतरा बन सकता है. इस वजह से बाहर से आए मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा भी कई जगहों पर आइसोलेशन सेंटर बनाने को लेकर पुलिस और जनता आमने सामने आ चुकी है.
कई जगहों पर हो रहा है विरोध द्वारका सेक्टर-16B के सरकारी फ्लैटों में डीएम-एसडीएम समेत हेल्थ विभाग की टीम कोरोना सेंटर बनाने के लिए पहुंची, तो साथ के फ्लैटों के लोगों ने डीएम-एसडीएम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. मौके पर खड़ी पुलिस से जब हालात नहीं संभले, तो एक्स्ट्रा फोर्स मंगवानी पड़ी. लोगों ने कहा कि वो पहले ही गरीब है और कोरोना के मरीजों का सेंटर उनके फ्लैटों के पास बनाने से वो भी संक्रमित हो जाएंगे. इसलिए विरोध पर उतारू हो गए.
लोगों से निपटने के लिए बुलानी पड़ी एक्स्ट्रा फोर्सलोगों का कहना है कि उनके फ्लैटों के पास ये सेंटर क्यों बनाया जा रहा है. जिससे वो और उनके बच्चे कोरोना वायरस की चपेट में आ सकते है. विरोध करने वाले ये वो लोग थे. जिनको दिल्ली सरकार ने फ्लैट गरीबी रेखा के फ्लैट दिए हुए हैं. हालांकि प्रसाशन ने एक्स्ट्रा फोर्स का बंदोबस्त कर दिया है, लेकिन लोगों में दिल्ली सरकार के प्रति गुस्सा बना हुआ है. लोगों का कहना है कि ये सेंटर रिहाईशी आबादी से हट के बनाना चाहिए. जिससे किसी को कोई दिक्कत ना हो. कोरोना की दहशत लोगों में इतनी है कि वो कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते. इलाके के डीएम-एसडीएम ने इस बार में अभी कुछ कहने से मना कर दिया है.