नई दिल्ली: इस बार रक्षाबंधन में ट्रेंड थोड़ा बदलता हुआ नजर आया. इस त्योहार पर बहन-भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर भाई की लंंबी उम्र की कामना करते हैं और भाई अपनी बहन को रक्षा करने का वचन देता है. लेकिन दिल्ली के घिटोरनी गांव में रक्षाबंधन पर अनोखा नजारा देखने को मिला.
पेड़-पौधों को राखी बांधकर लोगों ने लिया संकल्प राखी बांधकर लिया संकल्प
यहां पर पेड़-पौधों को राखी बांधकर उनकी रक्षा करने का संकल्प लिया गया. दरअसल पर्यावरण को बचाने के लिए गांव के छोटे-छोटे बच्चों, महिलाओं और पुरुषों नें पेड़ों को राखियां बांधकर, इनकी सुरक्षा का संकल्प लेने का प्रण लिया है. इस दौरान लोगों ने यह संकल्प लिया कि जैसे भाई अपनी बहनों की रक्षा करते हैं, वैसे ही हम इन पौधों की रक्षा करेंगे. इसी वचन से उन्होंने सैकड़ों पौधे लगाएं.
घिटोरनी गांव के निवासियों नें बताया कि रक्षाबंधन के त्यौहार को यूं तो भाई-बहन के अटूट प्रेम के बंधन के रूप में जाना जाता है. लेकिन पेड़ पौधों की सुरक्षा का भी हमारा दायित्व है. इसलिए बच्चों ने पेड़-पौधों को अपना भाई मानकर राखी बांधी है.
लोगों ने किया सराहनीय काम
बिगड़ते पर्यावरण की स्थिति के बीच, जिस तरह से दिल्ली के घिटोरनी गांव के निवासियों ने पेड़ पौधों को राखी बांधी है. वह काफी सराहनीय है. जबकि, लगातार सरकार और विभिन्न संगठनों द्वारा भी पर्यावरण को बचाने को कहा जाता है.
बता दें कि कोरोना वायरस के फैले संक्रमण के कारण इस बार राखी की चमक भी थोड़ी फीकी हो गई है. इस बार बाजारों में हर बार की तरह लोगों को राखी को लेकर उत्साह, कम ही देखने को मिल रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना की गाइडलाइन का ध्यान में रखते हुए लोग राखी का पर्व मना रहे हैं.