नई दिल्लीःकोरोना महामारी (Delhi Corona epidemic) के बीच जब हर तरफ अफरा-तफरी मची हुई थी. हर एक कॉलोनी से कोई न कोई संक्रमण की चपेट में आ रहा था. उस दौरान सुभाष नगर के रहने वाले देवेंद्र पाल सिंह और प्रीतम सिंह दोनों दोस्त मिलकर अदम्य साहस का परिचय दे रहे थे. दोनों अपनी 5 लोगों की टीम के साथ मिलकर उन मृतकों की डेड बॉडी को घर से उठाकर सम्मान पूर्वक श्मशान घाट पहुंचा रहे थे, जिनकी मौत के बाद न तो कोई एंबुलेंस आ रही और न ही रिश्तेदार.
खुद भी हुए थे संक्रमित
ऐसे समय में इन्होंने साहस का परिचय देते हुए अपने इस मानवता का अमूल्य परिचय देते हुए 1 महीने की महामारी के दौरान 500 से ज्यादा मृतकों के शवों का अंतिम (Funeral during covid) संस्कार करवाया. देवेंद्र पाल सिंह (Devendra Pal Singh) ने बताया कि पिछले कोरोना काल में जब वह और उनके दोस्त प्रीतम सिंह (Pritam Singh) कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे. उसी दौरान सोशल मीडिया से एक सूचना मिली थी ति फतेह नगर में रहने वाली एक महिला के पति की मौत हो गई थी, लेकिन 9 घंटे बाद भी ना तो कोई एंबुलेंस पहुंचा था ना ही कोई शव के अंतिम संस्कार के लिए आगे आ रहा था.
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महिला का बेटा भी हॉस्पिटल में भर्ती था और उसकी भी हालत सीरियस थी. उसी दौरान उन्होंने ना केवल मदद करके उस महिला के पति का दाह संस्कार करवाया, बल्कि जब कोरोना से दोनों ठीक हुए तो उन्होंने उसी दिन ठान ली की इस महामारी में वह एक ऐतिहासिक कदम उठाएंगे और अपनी प्राइवेट गाड़ी को शव बनाकर उसमें मृतकों की डेड बॉडी को श्मशान घाट तक पहुंचा कर दाह संस्कार करवाएंगे.