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इस्कॉन द्वारका में कृष्ण जन्माष्टमी का महामहोत्सव

द्वारका के इस्कॉन मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मथुरा- वृंदावन की तर्ज पर बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इस्कॉन द्वारका के विभिन्न स्कूलों, गोपाल फन स्कूल और इस्कॉन गर्ल्स फोरम के बच्चों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है.

इस्कॉन द्वारका में कृष्ण जन्माष्टमी का महामहोत्सव
इस्कॉन द्वारका में कृष्ण जन्माष्टमी का महामहोत्सव

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Published : Aug 19, 2022, 7:13 PM IST

नई दिल्ली: द्वारका के इस्कॉन मंदिर Krishna Janmashtami 2022 में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इसके लिए पहले से ही भव्य तैयारियां की जा रही थी. इस्कॉन द्वारका मंदिर को मथुरा- वृंदावन की तर्ज पर सजाया गया है, मंदिर के प्रांगण में विस्तृत रंग-बिरंगे वस्त्रों के पांडाल सजाए गए हैं.

वहीं इस्कॉन द्वारका के विभिन्न स्कूलों, गोपाल फन स्कूल और इस्कॉन गर्ल्स फोरम के बच्चों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. बच्चों द्वारा कालिया दमन, राधा-कृष्ण लीला, राधा-गोपी नृत्य, अष्ट-सखी नृत्य व कृष्ण मेरा सुपर हीरो जैसे प्रसंगों को मंचित किया जा रहा है. जिसका बच्चे ही नहीं, बड़े भी आनंद ले रहे हैं.

इस मौके से इस्कॉन द्वारका के अध्यक्ष प्रद्युमन प्रिय दास बताते हैं कि “महा-महोत्सव में कथा का श्रवण व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है'. इसलिए भक्तों के लिए इस अवसर पर कथा के आयोजन की विशेष व्यवस्था की जाती है. हर साल हम भक्तगणों के साथ खूब धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मनाते हैं.

Krishna Janmashtami 2022

उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यह एक दिन का उत्सव नहीं होना चाहिए, बल्कि इस दिन से प्रेरणा लेकर हमें साल के 365 दिन को उत्सव की तरह मनाने चाहिए, क्योंकि हम हर दिन भगवान की कृपा पाना चाहते हैं, तो हमें उसी प्रकार का आदान-प्रदान भी करना चाहिए, केवल विशुद्ध भावों को अर्पित करने से भगवान प्रसन्न हो जाते हैं.

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प्रद्युमन प्रिय दास ने कहा कि इस अवसर पर मैं लोगों से यही निवेदन करना चाहता हूँ कि पिछले दो-तीन वर्षों की अपेक्षा इस बार प्रकृति ने हम पर उपकार किया है और हमें यह अवसर प्रदान किया है कि हम व्यापक जनसमूह के साथ इस उत्सव को मनाए, तो हमें भगवान को धन्यवाद देना चाहिए. साथ ही हम हर दिन कोई ऐसा काम करें, जिससे भगवान की कृपा हम पर बरसती रहे, चाहे वह जरूरतमंदों को खाना खिलाने की सेवा हो या मंदिर निर्माण में सहयोग हो या फिर गीता का प्रचार हो.

इस अवसर पर आधी रात को भगवान कृष्ण के जन्म के पश्चात उनका दिव्य अभिषेक, श्रृंगार, आरती की जाएगी. भगवान को 2022 व्यंजनों का भोग अर्पित किया जाएगा. इसके बाद भक्तों के लिए प्रसाद वितरण किया जाएगा. मंदिर के प्रमुख प्रबंधक अर्चित प्रभु का कहना है, “ इस विशेष दिन को हम विशेष रूप से हर साल मनाते हैं. इसलिए विशेष रूप से 250 किलो का केक काटा जाएगा.

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