नई दिल्ली:सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सीआईएसएफ) की टीम ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले में शामिल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में एयरलाइन के चार स्टाफ और एक भारतीय हवाई यात्री भी शामिल हैं. इन सभी को सीआईएसएफ टीम ने आगे की कार्रवाई के लिए एयरपोर्ट पुलिस के हवाले किया, जिसके बाद एयरपोर्ट पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.
सीआईएसएफ के असिस्टेंट इंस्पेक्टर जनरल अखिलेश कुमार शुक्ला ने बताया कि आईजीआई एयरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ की इंटेलीजेंस और सुपरविजन विंग की टीम ने एक संदिग्ध हवाई यात्री को देखा, जो डिपार्चर गेट नंबर 05 के पास चेक-इन एरिया में बैठा हुआ था. बाद में उसकी पहचान दिलजोत सिंह के रूप में की गई, जिसे एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर AI-113 से बर्मिंघम जाना था.
प्रोफाइलिंग के आधार पर उसके सामान की जांच के लिए उसे रैंडम चेकिंग प्वाइंट पर भेजा गया. सामान की जांच में कोई संदिग्ध वस्तु न मिलने पर भी वह विमान में बोर्ड नहीं कर पाया. संदेह होने पर जब उससे पूछताछ की गई तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया. जांच में पता चला कि बोर्डिंग के पूर्व इमिग्रेशन ने उसे रोक लिया था, क्योंकि वह हवाई यात्री सीमेन लेटर (केवल जहाज में काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था. लेकिन सामने आया कि बिना इमिग्रेशन की जानकारी के एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा नामक कर्मचारी ने वहां से चेक-इन औपचारिकताएं गलत दस्तावेजों के आधार पर पूरी कर (जिसमें बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट) भी था, उसे फ्लाइट में चढ़ाने की कोशिश की थी.