नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के केशोपुर सब्जी मंडी इलाके में भी कोरोना वायरस के चलते लोगों में बद का असर देखने को मिला. जहां अफरातफरी के आस में मंडियों में अधिक स्टॉक मंगाया गया था. लेकिन जनता ने कोई अफरा-तफरी नहीं दिखाई. जिससे मंडी मे ग्राहकों की कमी दिखी. जिसके कारण सब्जी वालों को घाटा सहना पड़ा.
अफरातफरी के आस में मंडियों में अधिक स्टॉक मंगाया गया सब्जी विक्रेताओं को घाटा
सब्जी वालों के मुताबिक बुधवार को सब्जी मंडियां बंद होने की अफवाह के बाद में लोगों ने जमकर खरीदारी की, ऐसे में सब्जी वालों ने जनता कर्फ्यू को देखते हुए अधिकांश तौर पर सब्जियों का स्टॉक जमा किया और आशा जताई थी कि शनिवार को ज्यादा बिक्री होगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और जनता ने जनता कर्फ्यू के चलते कोई अफरा-तफरी नहीं मचाई. जिससे सब्जी वालों को घाटा सहन करना पड़ा.
मवेशियों को खिलाई सब्जियों
सब्जियों का स्टॉक जमा करने की वजह से जहां एक तरफ घाटा हुआ. वही सब्जी वालों को मजबूरन खराब हो रही सब्जियों को गाय और मवेशियों को खिलाना पड़ा. जहां रविवार को जनता कर्फ्यू के चलते मंडियों को बंद रखा जाएगा. ऐसे में सब्जियां खराब हो सकती थी. जिसके चलते कुछ सब्जियों को फेंक भी दिया गया.
सस्ती हुई सब्जियां
अधिक ग्राहकों के आने के अंदेशे में अधिक मात्रा में सब्जियों का स्टॉक इकट्ठा करने पर सब्जी विक्रेताओं को आशा थी कि जनता कर्फ्यू के चलते शनिवार को अधिक से अधिक ग्राहक आकर सब्जियां खरीदेंगे और सब्जियों का दाम भी बढ़ेगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उल्टा मंडी में ना तो होलसेल ग्राहक और ना ही रिटेल ग्राहक पहुंचे. जिसके चलते सब्जियों का दाम और भी सस्ता हो गया. लेकिन इसके बावजूद भी स्टॉक खत्म नहीं हुआ. जिससे स्टॉक जमा करने वाले सब्जी विक्रेताओं को घाटा सहना पड़ा.