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चाइनीज उत्पादों को बायकॉट करने की कवायद तेज, स्वदेशी राखियों से गुलजार बाजार

भारत-चीन सीमा विवाद के प्रति भारतीय व्यापारियों का गुस्सा साफ नजर आ रहा है. रक्षा बंधन में इस साल स्वदेशी राखियों की डिमांड ज्यादा है. वहीं इन राखियों को बाजारों में जोरों-शोरों से बेचा जा रहा है. ये ही हाल दिल्ली के सरोजिनी नगर मार्केट का है, जहां पूरा बाजार स्वदेशी राखियों से सजा हुआ है.

demand of swadeshi rakhi increasing in sarojini nagar market in delhi
बाजारों में बढ़ रही स्वदेशी राखियों की डिमांड

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Published : Jul 30, 2020, 10:45 AM IST

Updated : Jul 30, 2020, 11:41 AM IST

नई दिल्ली:कोरोना के कारण इस साल रक्षा बंधन पर काफी प्रकोप देखने को मिल रहा है. सीमा विवाद को लेकर चाइना की राखियों को दरकिनार करते हुए इस बार ज्यादातर बहनों ने भाइयों की कलाई पर स्वदेशी राखियों को बांधने का निर्णय लिया है. चीन की हरकत के बाद नागरिकों के साथ ही व्यापारियों ने भी देश को आत्मनिर्भर बनाकर सबक सिखाने की ठानी है. सरोजिनी नगर मार्केट में भी इस साल स्वदेशी राखियों की डिमांड ज्यादा नजर आ रही हैं.

बाजारों में बढ़ रही स्वदेशी राखियों की डिमांड

बच्चों के लिए इन राखियों की मांग

रक्षाबंधन का त्योहार जैसे-जैसे करीब आ रहा है, बाजार सज रहा है. बच्चों से लेकर बड़ों के लिए अनेक प्रकार की राखियां बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन इस बार हर जगह केवल स्वदेशी राखियां ही देखने को मिल रही है. पहले ज्यादातर चाइनीज राखियां हीं बाजारों में मिलती थी.

बच्चों में इन राखियों की बढ़ रही रौनक

सरोजिनी नगर मार्केट मे भी राखी की दुकानें सज गई हैं. बच्चों के लिए अलग-अलग कार्टून मोटू पतलू, छोटा भीम, स्पाइडर मैन तो अन्य कार्टूनों और खिलौने से बनी राखियां यहां आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं.

बड़ों के लिए उपलब्ध ये डिजाइन

बड़ों के लिए रेशम का धागा, जरी की राखी, मोती राखी, जर्कन नग राखी अन्य कई तरह की डिजाइन में राखियां उपलब्ध हैं. दुकानदारों का मानना है कि इस बार चाइनीज राखी बिल्कुल नहीं हैं. इस बार ज्यादातर मजदूरों ने अपने हाथों से अपने घरों में ही राखियों को बनाया है.

अलग-अलग डिजाइन में मिल रही सुंदर राखियां

हालांकि इस बार कोरोना महामारी की वजह से राखी खरीदने के लिए दुकानों में बहुत कम लोग आ रहे हैं, लेकिन दुकानदारों को विश्वास है कि अभी राखी के त्योहार में 4-5 दिन का समय है तो ग्राहक राखी लेने के लिए बाजारों में जरूर आएंगे.

देश मे जबसे चाइनीज सामानों का बहिष्कार शुरू हुआ है. इसके बाद अब राखी पर भी इसका असर साफ दिख रहा है. इसीलिए ना दुकानदार चाइनीज राखियों को बेच रहे हैं और ना ही ग्राहक भी चाइनीज राखियां दुकानदारों से मांग रहे हैं.

Last Updated : Jul 30, 2020, 11:41 AM IST

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