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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ड्रग सिंडीकेट के मेंबर को दबोचा, 2 करोड़ की ड्रग्स की बरामद - Special Cell arrested drug syndicate member

Special Cell arrested drug syndicate member: दिल्ली में ड्रग सिंडिकेट के एक एक्टिव मेंबर को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी के पास से दो करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद की गई है.

Special Cell arrested drug syndicate member
Special Cell arrested drug syndicate member

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 26, 2023, 2:01 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने ड्रग सिंडिकेट के एक एक्टिव मेंबर को गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान अश्विनी कुमार उर्फ आशु के रूप में हुई है, जिसके पास से चार लाख 68 हजार अल्प्राजोलम टेबलेट बरामद किया गया है. बताया जा रहा है कि मार्केट में इसकी कीमत करीब दो करोड़ रुपये है.

डीसीपी इंगित प्रताप सिंह (स्पेशल सेल) ने बताया कि एसीपी संजय दत्त और सुनील कुमार की देखरेख में पुलिस टीम ने टेक्निकल सर्विलांस और लोकल इंटेलिजेंस की मदद से गिरफ्तार किया. वह दिल्ली के रोहिणी इलाके का निवासी था. उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत स्पेशल सेल के थाने में एनडीपीए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.

डीसीपी के अनुसार इसी साल अक्टूबर में इंस्पेक्टर नीरज, सुनील और महेंद्र की टीम ने तीन आरोपियों फैजान बेग, मोहम्मद जुबेर और रेखा को गिरफ्तार किया था. उनके पास से ड्रग्स की बरामद की की गई थी. उनसे जब पूछताछ की गई तो पता चला कि अश्विनी कुमार उर्फ आशु, मोहम्मद जुबेर को भारी मात्रा में उपलब्ध कराता है, जिसके बाद जुबेर अपने साथियों के साथ ड्रग्स आगे दिल्ली एनसीआर में सप्लाई करता है.

इस जानकारी के आधार पर टीम ने आगे की जांच शुरू की और लगातार कई जगह छापेमारी की. इसके परिणामस्वरूप आरोपी को रोहिणी सेक्टर 24 से ट्रैप किया गया. फिर इसे दो दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया और उसके बाद इसकी निशानदेही पर दो करोड़ रुपये के मूल्य की टैबलेट बरामद की गई.

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आरोपी के पास से पुलिस ने ड्रग तस्करी में इस्तेमाल किए जाने वाले तीन मोबाइल भी बरामद किए हैं. अश्विनी कुमार से पूछताछ में पुलिस को पता चला कि वह मूलतः उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का रहने वाला है. उसके पिता किसान थे और वह मेरठ कॉलेज से बीकॉम और पुणे से एमबीए कर फार्मास्यूटिकल कंपनी में एमआर का काम शुरु किया था. लेकिन कोविड के दौरान आय न होने के कारण उसने दिल्ली के उद्योग नगर में अपने एक दोस्त के लाइसेंस पर मेडिकल स्टोर खोल लिया. हालांकि इसके बाद इसी साल जुलाई में ड्रग डिपार्टमेंट ने उसका लाइसेंस कैंसल कर दिया. बाद में उसने अपने एक इंप्लाई सतीश के ड्रग लाइसेंस का इस्तेमाल किया और उसके बाद ज्यादा पैसे के लालच में प्रतिबंधित मेडिसिन का खरीद फरोख्त करने लगा.

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