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लैंड-पूलिंग नीति के संबंध में शंकाओं को दूर करने के लिए डीडीए ने की बैठकें - लैंड पूलिंग नीति

लैंड-पूलिंग नीति के संबंध में डीडीए की ओर से बैठकों का आयोजन किया गया था. बैठक में दिल्ली देहात के सामाजिक संगठनों, व्यापारियों और बिल्डरों ने भी भाग लिया और और नीति को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की.

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डीडीए ने की बैठकें

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Published : Jul 9, 2022, 7:20 AM IST

नई दिल्ली :लैंड-पूलिंग नीति के संबंध में जनता के सवालों का जवाब देने और शंकाओं को दूर करने के मकसद से दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने तिगीपुर और मोहम्मदपुर-रमजानपुर गांवों में जनसभाएं कीं. ये बैठकें भूमि पूलिंग नीति, प्रस्तावित संशोधन, कंसोर्टियम गठन की प्रक्रिया, ईडीसी के मुद्दे, भूमि का 60:40 विभाजन और भूमि पूलिंग नीति के जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दों और बाधाओं के संबंध में आयोजित की गई थी.

डीडीए आयुक्त (लैंड-पूलिंग) तारिक थॉमस और निदेशक (लैंड-पूलिंग) अमरीश कुमार विभाग के साथ अन्य अधिकारियों और कर्मियों तथा दिल्ली देहात के सामाजिक संगठनों के साथ बैठकों में मौजूद रहे. नीति को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई.

दिल्ली देहात विकास मंच और भाग लेने वाले अन्य संगठनों, विकासकर्ताओं और हितधारकों ने डीडीए द्वारा दिल्ली विकास अधिनियम में संशोधन के माध्यम से लैंड पूलिंग पॉलिसी में प्रस्तावित सकारात्मक बदलावों की सराहना की और जोन पी- II में सेक्टर -2,3 और जोन-एन में सेक्टर-10 ए में डीडीए द्वारा कंसोर्टियम के गठन के लिए जारी सार्वजनिक सूचना का स्वागत किया. लोगों के उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से डीडीए के अधिकारीगण इस बात को लेकर काफी आशान्वित हैं कि लैंड पूलिंग पॉलिसी अब जल्द ही जमीनी स्तर पर शुरू होगी और भू-स्वामियों, विकासकर्ताओं, निवेशकों और हितधारकों के सकारात्मक सहयोग से इसमें अच्छी प्रगति होगी.

पांच अन्य सेक्टर पी-II, एन और एल जोनों में कंसोर्टियम बनाने के लिए अंतिम सूचना जारी करने की प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है. भू-स्वारमियों के साथ बातचीत की जा रही है. ये सेक्टर पी-II में सेक्टर 1, 7 और 8, N जोन में सेक्टर-11 और L जोन में सेक्टर-3 हैं. विकास प्रक्रिया में भू-स्वामियों के साथ साझेदारी में विकास को बढ़ावा देने के उद्देशय से लैंड नीति 2018 में अधिसूचित की गई थी, जिससे उन्हें विकास प्रक्रिया में बराबर का भागीदार बनाया जा सके.

यह नीति वर्तमान में दिल्ली के जोन जे, के-1, एल, एन, पी-I पी- II में पड़ने वाले 104 गांवों के शहरी विस्तारित क्षेत्रों में लागू है. इस पूरे क्षेत्र को 129 सेक्टरों में विभाजित किया गया है. प्रत्येक सेक्टर में लगभग 80,000 से एक लाख आबादी को समायोजित करने का अनुमान है. इस नीति के अंतर्गत पूल की गई कुल भूमि 7298 हेक्टेयर है.

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