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8वीं पास बदमाशों ने लगाया पढ़े-लिखों को चूना, सैमसंग पे एप को बनाया फर्जीवाड़ा का जरिया - samsung pay supported cards india

दिल्ली के जनकपुरी थाने की टीम ने 3 ऐसे दोस्तों को हिरासत में लिया हैं जो लोगों के एटीएम कार्ड को सैमसंग पे एप के जरिए क्लोनिंग कार्ड की तरह इस्तेमाल कर रहे थे. पुलिस ने इन बदमाशों से 26 सिम, 9 मोबाइल समेत कई चीजें बरामद की हैं.

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सैमसंग पे एप से फर्जीवाड़ा

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Published : Dec 12, 2019, 8:16 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के जनकपुरी थाने की पुलिस टीम ने 3 ऐसे फुकरे दोस्तों को गिरफ्तार किया है जो खुद तो थे आठवीं पास लेकिन एक बड़े बैंक का महंगा कार्ड रखने वाले पढ़े लिखे लोगों को कार्ड ब्लॉक होने का डर दिखाकर उनसे ओटीपी लेते थे.

सैमसंग पे एप से फर्जीवाड़ा

कार्ड क्लोनिंग प्रोसेस से फर्जीवाड़ा
सैमसंग पे एप का गलत इस्तेमाल करके ये बदमाश उससे कार्ड क्लोनिंग के प्रोसेस को अंजाम देते थे.फिर उसी ऐप के जरिए नए मोबाइल फोेन खरीदकर अपने शौक पूरे करते थें.

26 सिम, 9 मोबाइल समेत कई चीजे हुई बरामद
वेस्ट दिल्ली के डीसीपी दीपक पुरोहित ने बताया कि इन तीन लड़कों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस टीम ने इनके पास से 26 सिम, कॉलिंग करने वाले 7 मोबाइल फोन और सैमसंग पे एप यूज करने वाले 2 मोबाइल के अलावा डाटा का रजिस्टर बरामद किया है.

दिन भर में करते थे 100 से 200 कॉल
पुलिस के अनुसार ये तीनों विष्णु गार्डन इलाके में किराए का कमरा लेकर अपने इस काम को चला रहे थे. पूछताछ में उन्होंने पुलिस को बताया कि ये एक बैंक के डाटा का इंतजाम करते थे और फिर पूरे दिन बैठकर 100 से 200 कॉल करते थे.

सैमसंग पे एप के जरिए करते थे फर्जीवाड़ा
कुछ लोग इन बदमाशों के जाल में फंस जाते थे और डरते थे कि उनका कार्ड ब्लॉक ना हो जाए. फिर ये तीनों उस कार्ड होल्डर से सीवीवी नंबर और एक्सपायरी डेट लेकर सैमसंग पे एप पर जैसे ही डालते तो रजिस्टर्ड नंबर पर ओटीपी चला जाता. इसके बाद ये लोग उस कार्डधारी को बेवकूफ बनाकर ओटीपी लेते ही उसको सैमसंग पे एप पर डालकर उसे क्लोनिंग कार्ड की तरह यूज कर लेते और महंगे मोबाइल शॉप पर जाकर नए मोबाइल की खरीदारी करते थे.

एक बदमाश तिहाड़ में बाकि दो पुलिस रिमांड पर
हाल ही में इन्होंने जनकपुरी के विजय सेल्स इलेक्ट्रॉनिक से भी इस तरह से नया मोबाइल खरीदा था और उसी के दौरान उनके फर्जीवाड़े के बारे में पता चला. जब उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी और उसके बाद एसीपी राम सिंह की देखरेख में एसएचओ जय प्रकाश, इंस्पेक्टर शिव करन, सब इंस्पेक्टर परमिंदर, हेड कांस्टेबल जयप्रकाश और कांस्टेबल मांगे राम की टीम ने इन तीनों को गिरफ्तार किया. इनमे से एक को तिहाड़ जेल भेज दिया गया है और बाकी 2 पुलिस रिमांड पर है.

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