नई दिल्लीः क्राइम ब्रांच सेंट्रल रेंज की पुलिस ने लोगों से ठगी करने वाले ऐसे पति-पत्नी की जोड़ी को गिरफ्तार किया है, जो अलग-अलग स्कीम का झांसा देकर लोगों से पैसों की ठगी कर फरार हो जाते थे. दोनो पति-पत्नी मिल कर अब तक करोड़ों रुपये के गबन को अंजाम दे चुके हैं. डीसीपी रोहित मीणा के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, सत्य प्रकाश भारद्वाज उर्फ सत्येंद्र आर्या उर्फ सतिंदर शाह और उसकी पत्नी सुमन आर्या के रूप में हुई है. ये दोनों दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके के रहने वाले हैं. सत्येंद्र आर्या को लोग "नटवरलाल" (Natwarlal of Delhi) के नाम से भी जानते हैं. पुलिस काफी समय से इनकी तलाश में लगी हुई थी. लगातार फरार रहने की वजह से इनकी गिरफ्तारी पर 25-25 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था.
डीसीपी ने बताया कि साल 2020 में ईओडब्ल्यू पुलिस ने इनके खिलाफ दी गई शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था. इसमें शिकायतकर्ताओं ने सत्येंद्र आर्या और उसकी पत्नी सुमन आर्या के खिलाफ आरोप लगाते हुए बताया कि दोनों ने मिल कर टूर एंड ट्रेवल एजेंसी और प्ले स्कूल के नाम पर करोड़ाें रुपये गबन कर लिए. गिरफ्तारी से बचने के लिए 2018 से ही अपने बच्चों सहित दिल्ली से फरार हो गए.
डीसीपी के अनुसार, दोनों वांटेड की जांच करने पर पता चला कि अप्रैल 2022 तक दोनों आरोपी राजस्थान में जयपुर के पास रह रहे थे. जिस पर पुलिस राजस्थान में छापेमारी के लिए पहुंची और उनके बारे में गुपचुप तरीके से पूछताछ की. उन्हें पता चला कि दोनों आरोपी राजस्थान में भी ठगी की गतिविधियों में लिप्त थे. उन पर जयपुर के चंदवाजी थाने में मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद वो अप्रैल 2022 में जयपुर से भी फरार हो गए.
पुलिस टीम ने राजस्थान और वेस्टर्न उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में छापेमारी की. उन्हें पता चला कि दोनों आरोपी इस वक्त हापुड़ के गढ़ मुक्तेश्वर में रह रहे हैं. इस जानकारी पर प्रतिक्रिया करते हुए पुलिस गढ़ मुक्तेश्वर पहुंची, लेकिन तब तक सत्य प्रकाश भारद्वाज उर्फ सत्येन्द्रा आर्या वहां से निकल चुका था. पुलिस टीम ने हार नहीं मानी और लग्भग 180 किलोमीटर तक पीछा कर उसे दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन से उस वक़्त दबोच लिया, जब वो ट्रेन से कहीं फरार होने की कोशिश में थे. इस बीच उसकी पत्नी सुमन आर्या ने गिरफ्तारी से बचने के लिए फिर से अपना ठिकाना बदल लिया.
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जिस पर पुलिस ने जानकारियों और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर उसे गढ़ मुक्तेश्वए के उपाध्याय कॉलोनी स्थित उसके नए ठिकाने से उसे हिरासत में ले लिया. पूछताछ में आरोपी सत्येंद्र आर्या ने अपना गुनाह स्वीकार करते हुए बताया कि वो मनाली टूर एंड ट्रेवल्स, सब्सिडी प्रोग्राम, राष्ट्रीय शिक्षा मिशन आदि के नाम से दिल्ली और राजस्थान में चीटिंग की वारदातों को अंजाम दे चुका है. चूंकि उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हो चुके थे इसलिए वो 2018 में दिल्ली से फरार हो गया था. फिर जब राजस्थान में भी उसके खिलाफ मामला दर्ज हुआ तो वहां से भी फरार हो गया और अपनी पहचान छुपा कर लगातार अपना ठिकाना बदल कर रह रहा था. आरोपी सुमन आर्या ने बताया कि, महेंद्र पार्क में प्ले स्कूल चलाने के दौरान उसने अपने पति सत्येंद्र आर्या के साथ मिल कर टूर एंड ट्रेवल्स के नाम पर कई भोले-भाले लोगों के साथ ठगी को अंजाम दिया था.
सत्येंद्र आर्या ने 1990 में प्राइवेट जॉब शुरू किया. जब उसे कम्प्यूटर एसेम्बल और ऑपरेट करने में महारत हासिल हो गयी तो वो जॉब छोड़ कर ज्यादा और आसान तरीके से पैसे कमाने की चाह में खुद का एडुकेशन सेंटर पिक प्वाइंट खोला. कथित रूप से भारत सरकार इए राष्ट्रीय साक्षरता मिशन का फ्रेंचाइजी था. इसकी आड़ में उसने दिल्ली-एनसीआर में कई लोगों से ठगी को अंजाम दिया. जिसके बाद वो अपनी पत्नी सहित यूपी के बुलंदशहर चला गया और वहां उसने ग्राम पंचायत सर्वेयर का काम शुरू किया. 2017 में वो वापस दिल्ली आया और "विंग्स तो ड्रीम्स" नाम से एक प्ले स्कूल और "वाइटल वेलफेयर टूर एंड ट्रेवल्स" एजेंसी खोली और काफी लोगों से ठगी कर के दिल्ली से राजस्थान फरार हो गया. जहां 2020 में उसने "विंग्स ऑफ लाईफ" नाम से एक ऑफिस खोली और लोगों को ई-रिक्शा, सोलर पैनल आदि पर सब्सिडी का झांसा देकर लगभग 25 लाख की ठगी को अंजाम दिया. इसकी शिकायत दर्ज होने के बाद वो वहां से भी फरार हो गया. ठगी की वारदातों को अंजाम देने के कारण लोग इसे नटवरलाल के नाम से पुकारने लगे. अब तक की जांच में इन पर पांच आपराधिक मामलों के होने का पता चला है.
ऑनलाइन इंटरनेशनल गैम्बलिंग रैकेट का भंडाफोड़ः क्राइम ब्रांच इंटरस्टेट सेल की टीम ने एक ऑनलाइन इंटरनेशनल गैम्बलिंग रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान, नाजिम, खुशविन्दर मेहरा, हिमांशु अग्रवाल, रहीस, कुणाल गुप्ता और रविश गुप्ता के रूप में हुई है. ये सभी लक्ष्मी नगर इलाके के रहने वाले हैं. डीसीपी अमित गोयल के अनुसार, क्राइम ब्रांच इंटरस्टेट सेल की टीम को लक्ष्मी नगर इलाके में कहीं ऑनलाइन गैम्बलिंग रैकेट चलाये जाने की सूचना मिली थी.
जांच में लक्ष्मी नगर के C-2 ग्राउंड फ्लोर स्थित इब्राहिम फैशन से ऑनलाइन गैम्बलिंग रैकेट ऑपरेट होने की जानकारी प्राप्त हुई (Online International Gambling Racket in Laxminagar). जिस पर प्रतिक्रिया करते हुए, पुलिस टीम ने छापेमारी कर चार आरोपियों को हिरासत में ले लिया. इस ऑनलाइन गैम्बलिंग रैकेट का मास्टरमाइंड नाजिम है, जिसकी दुकान में नाजिम के साथ खुशविन्दर, रहीस और हिमांशु पकड़े गए थे. नाजिम, खुशविन्दर और रहीस पार्टनर हैं, जबकि हिमांशु उनका एम्प्लॉई हैं. उन्होंने खुलासा किया कि रविश गुप्ता सुपर मास्टर है और वो पिछले छह महीनों से इस ऑनलाइन गैम्बलिंग में लिप्त है. उनके गैम्बलिंग एकाउन्ट में 77 लाख 25 हजार 558 पॉइंट्स पाये गए, इसके अलावा उनके फोनपे और पेटीम एकाउन्ट से लिंक बैंक खातों में 30 लाख से ज्यादा के ट्रांजेक्शन का भी पता चला.
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