नई दिल्ली: निर्भया कांड को पूरे 10 साल हो चुके हैं. देश के इतिहास में ये एक ऐसी घटना है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है. इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. दिल्ली ही नहीं पूरे देश से दोषियों को सजा दिलाने के लिए आवाज उठ रही थी. समय लगा, लेकिन पीड़िता को न्याय मिला और दोषियों को फांसी. लेकिन एक ऐसे ही मामले में छावला की निर्भया को अब तक इंसाफ नहीं मिल पाया है. इस घटना को 10 साल बीत गए हैं, लेकिन दोषियों को अब तक सजा नहीं हुई है. जिसके बाद पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए लगातार कैंडल मार्च निकाला जा रहा है, आज इसका 37 वां दिन है.
गैंगरेप के तीनों आरोपियों को बरी किये जाने से पीड़िता के परिजन में काफी रोष भी है. उनको यकीन नहीं हो पा रहा है कि जिन तीनों आरोपियों ने उनकी बेटी के साथ हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए उनकी हत्या कर दी थी वो आज खुले आम घूम रहे हैं. पिछले 37 दिन से लगातार कैंडल मार्च निकाला कर न्याय की गुहार लगा रहे पीड़िता के परिजन ने कहा कि वो मायूस जरूर हैं, लेकिन उनकी हिम्मत नहीं टूटी है. इसलिए लगातार पिछले 37 दिनों से द्वारका के सेक्टर 19 स्थित निर्भया चौक पर उनके साथ इस मुहिम में खड़े लोग हर दिन यहां कैंडल मार्च निकाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक दोषियों को फांसी नहीं मिल जाती, तब तक उनका कैंडल मार्च हर दिन यूं ही दिल्ली के अलग-अलग इलाको में निकलता रहेगा.