नई दिल्ली: देश अभी कोरोना की दूसरी लहर से उबरा भी नहीं कि ब्लैक और व्हाइट फंगस कहर जारी है. चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान के पूर्व प्रिंसिपल वैद्य नन्द किशोर के मुताबिक, ब्लैक फंगस (Black fungus) और व्हाइट फंगस बीमारी पहले ही धरती पर मौजूद है, जिसका वर्णन पुराने आयुर्वेदिक ग्रंथों (black Fungus in Ayurveda) में है. उन्होंने बताया कि स्वस्थ्य व्यक्ति को फंगस की बीमारी नहीं लगेगी, लेकिन बचने की बहुत जरूरत है. इसके लिए हर घर के किचन में ब्लैक और व्हाइट फंगस से बचने के लिए वनस्पतियां मौजूद हैं.
घर की किचन में मौजूद है ब्लैक फंगस(Black fungus) का आयुर्वेदिक इलाज आयुर्वेद में ब्लैक फंगस का जिक्र
वैद्य नंद किशोर ने बताया धरती पर पहले से ही ब्लैक फंगस (Black fungus) बीमारी है. आयुर्वेद चरक में क्षुद्रकुष्ठ बीमारी बोला गया है तो सुश्रुत आयुर्वेद में इसे महकसुत कहा गया है. अब कोरोना वायरस बीमारी के बाद मरीजों पर ब्लैक फंगस नाम से ज्यादा जाना जा रहा है. वैद्य का कहना है कि जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, उनको ब्लैक फंगस बीमारी हो जाती है. ऐसे में कोरोना मरीज, शुगर मरीज, हार्ट सर्जरी के मरीजों को ज्यादा खतरा है.
किचन में मौजूद हैं दवाइयां(home remedies for black fungus)
वैद्य नंद किशोर ने बताया कि घर के किचन में ही ऐसी वनस्पतियां मौजूद हैं (white fungus medicine in kitchen), जिसके प्रयोग से ब्लैक या व्हाइट फंगस के प्रकोप से बचा जा सकता है. इसके लिए घर में किचन उपलब्ध हल्दी, फिटकरी, काली मिर्च, अदरक और लौंग आदि के सेवन से फंगस के प्रकोप से बचा जा सकता है. इसके अलावा कच्चा लहसुन और प्याज खाने से बहुत फायदा होगा.
बिना डॉक्टर की सलाह के न लें आयुर्वेद की दवाई
वैद्य नंद किशोर ने कहा कि जब से कोरोना वायरस महामारी बीमारी आई है, हर कोई वैद्य और डॉक्टर बन गया है. उन्होंने कहा कि बिना चेकअप कराए, कोई व्यक्ति आयुर्वेदिक दवाइयों का सेवन न करे. बिना वैद्य की सलाह के आयुर्वेदिक दवाई शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है. आयुर्वेद की दवाई कभी गर्म तो कभी ठंडी भी होती है.उन्होंने कहा कि यदि ब्लैक फंगस (Black fungus) ज्यादा संक्रमित हो जाता है तो वह या उसके परिजन फैमली डॉक्टर से सम्पर्क करें या फिर अपने नजदीकी अस्पताल में पहुंचकर तुरंत इलाज कराएं.