नई दिल्ली: राजधानी में दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने उनका ध्यान दिल्ली के प्राईवेट अस्पतालों के द्वारा कोविड-19 मरीजों के आर्थिक शोषण की ओर दिलाया है. उन्होंने मांग की है कि चेन्नई की तरह दिल्ली में भी प्राईवेट अस्पतालों का मेडिकल शुल्क सीमा तय की जाए. उन्होंने पत्र में कहा है कि कोविड-19 की कोई खास दवा या इलाज नहीं है. और जो दवायें या इलाज किया जा रहा है वो बहुत सस्ता है जिसके लिए प्राईवेट अस्पताल लाखों रूपये वसूल रहे हैं. कुछ प्राईवेट अस्पताल तो मेडिकल शुल्क से पहले केवल भर्ती करने का शुल्क भी ले रहे हैं.
बीजेपी प्रवक्ता ने एलजी को लिखा पत्र चेन्नई से सीखने की जरूरत
अस्पतालों में आज स्थिति यह है कि कोविड-19 का साधारण मरीज अगर आठ दिन अस्पताल मे रहता है तो 3-4 लाख का बिल भरता है. और अगर केस बिगड़ जाये और आईसीयू में रहना पड़े तो 7-10 लाख तक बिल आ रहे हैं. वहीं अगर कोई मरीज बीमारी की हिस्ट्री वाला है तो उससे 12 से 15 लाख वसूले जा रहे हैं. दिल्ली की जनता आज बीमारी से ज्यादा इलाज की कीमत से खौफजदा है. आज की परिस्थिति में मेडिकल शुल्क सीमा तय करके लोगों को राहत देना बेहद जरूरी है ऐसे में हमें चेन्नई से कुछ सीखना चाहिए.
शुल्क तय करने की जरूरत
बीजेपी नेता प्रवीण कपूर ने पत्र में मांग की है कि उपराज्यपाल दिल्ली के स्वास्थ विभाग को प्राईवेट अस्पतालों में साधारण इलाज और आईसीयू दोनों के शुल्क तय करने के निर्देश दें. पत्र में सुझाव दिया गया है कि चेन्नई की तरह दिल्ली में भी वर्ग ए के प्राईवेट अस्पतालों को साधारण वार्ड में 4000 रुपये प्रति दिन और सिंगल कमरे में 7000 रुपये प्रति दिन, आईसीयू में 15000 रुपये प्रति दिन अधिकतम की अनुमति होनी चाहिए.