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कजाकिस्तान में खुले PNB बैंक के वित्तीय संकट को लेकर डॉ. जौली ने PM को लिखा खत - Corona Virus in kajakistan

कोरोना वायरस के बाद लगे लॉकडाउन के बाद कजाकिस्तान में पीएनबी के स्थानीय बैंक ने सभी वित्तीय कार्यों को रोक दिया. जिसकी वजह से कोई भी बैंक खाता धारक आज किसी भी कर्मचारी का वेतन नहीं देने समेत कोई और भुगतान नहीं कर पा रहे हैं. इसी मामले को उठाते हुए वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व-वैश्विक संयोजक डॉ. जौली जी ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है.

HELP DISTRESSED INDIAN IN KAJAKISTAN
पीएम को पत्र लिखा पत्र

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Published : Apr 25, 2020, 1:01 PM IST

नई दिल्ली:वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व-वैश्विक संयोजक डॉ. जौली जी ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने कजाकिस्तान में खोले गए पंजाब नेशनल बैंक ऑफ इंडिया का जिक्र किया है. कजाकिस्तान में भारतीय मूल के निवासियों की वित्तीय संबंधी परेशानी को लेकर पीएम को अवगत कराने की कोशिश की है.

बीजेपी नेता डॉ जौली जी ने दी जानकारी

पीएनबी बैंक ने कजाकिस्तान में स्थानीय बैंक का किया गठन

दरअसल साल 2010 में कजाकिस्तान में पंजाब नेशनल बैंक ऑफ इंडिया ने 42.64 फीसद शेयर खरीदकर एक स्थानीय बैंक का गठन किया था. इसका नाम बदलकर जेएससी तेंग्री बैंक रखा था. इस बैंक में स्थानीय शेयर धारकों की 58.36 फीसदी शेयर निवेश किया है. जिसमें भारतीय मूल के निवासियों समेत भारतीय दूतावास, निजी कम्पनीयों ने इस बैंक में अपने खाते खोले.

बैंक ने कोरोना वायरस के कारण वित्तीय कार्य पर लगाई रोक

भारत को समर्थन देने की राष्ट्र भावना से प्रेरित होकर कजाकिस्तान में बसे भारतीयों ने इस बैंक में अपने जीवन की पूरी बचत को इसमें निवेश की. लेकिन हाल में कोरोना वायरस के बाद लगे लॉकडाउन के बाद बैंक ने खाते से एक सीमित राशि निकलने का नियम लागू कर दिया. बाद में बैंक ने सभी वित्तीय कार्यों को रोक दिया.

पीएम को पत्र लिखा पत्र

भारतीय राजदूत से शिकायत पर नहीं मिला कोई समाधान

बीजेपी नेता डॉ. जौली ने बताया कि बैंक के सभी वित्तीय कार्यों को रोकने के कारण कोई भी बैंक खाता धारक आज किसी भी कर्मचारी का वेतन नहीं देने समेत कोई और भुगतान नहीं कर पा रहे हैं. इस संबंध में अस्ताना में भारतीय राजदूत प्रभात कुमार को कजाकिस्तान के भारतीय चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने इस मुद्दे पर जानकारी दी. लेकिन उन्हें कोई समाधान नहीं मिला.

पीएम को पत्र लिख कर मांगी सहायता

उसके बाद वहां रह रहे भारतीयों ने डॉ. जौली से मदद की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि बैंक ने अचानक से अपना कारोबार बंद कर दिया है. जिससे यहां सभी भारतीय बड़ी आर्थिक परेशानी में पड़ गए हैं. अल्माटी में भारतीय राजदूत ने नई दिल्ली में भारत सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाने का आश्वासन दिया था. लेकिन अभी तक कोई समाधान या हल नहीं निकला है. इसी मामले को उठाते हुए डॉ. जौली ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है ताकि वहां रहने वाले भारतियों को आर्थिक संकट से उभरा जा सके.

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