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पुरानी किताबों के बदले अगले सत्र की किताबें दे रहा यह शख्स, दूर-दूर से आते हैं लोग - Free next class books instead of old books in delhi

दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की बढ़ती मनमानी को देखते हुए रोहिणी सेक्टर 24 के रहने वाले अनुभव पुरानी किताबों के बदले अगली क्लास की नि:शुल्क किताबें मुहैया करा रहे हैं. अनुभव की इस मुहिम की लोग जमकर सराहना कर रहे हैं. साथ ही दूर दराज से भी लोग अपनी किताबें यहां बदलने आ रहे हैं.

anubhav  EXCHANGE books of next season instead of old books in rohidi delhi
अनुभव

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Published : Apr 5, 2021, 10:40 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की बढ़ती हुई मनमानी को देखते हुए दिल्ली के रोहिणी के एक शख्स ने एक ऐसी पहल की है, जो स्कूली छात्रों के काफी काम आ रही है. रोहिणी सेक्टर 24 के रहने वाले अनुभव पुरानी किताबों के बदले अगली क्लास की नि:शुल्क किताबें मुहैया करा रहे हैं. अनुभव की इस मुहिम की लोग जमकर सराहना कर रहे हैं. साथ ही दूर दराज से भी लोग अपनी किताबें यहां बदलने आ रहे हैं.

पुरानी किताबों के बदले अगले सत्र की किताबें

प्राइवेट स्कूलों की नीतियों से परेशान

शिक्षा अनमोल है और शिक्षा हर किसी का अधिकार है. लेकिन आज शिक्षा के क्षेत्र में लोग नई-नई ईमारत खड़ी कर एक अलग ही व्यापार चला रहे हैं, जो अभिभावकों को हर कदम पर लूटने में आमादा हैं. खासतौर पर प्राइवेट स्कूलों में वर्दी से लेकर कॉपी और किताबों तक हर जगह अपना व्यापार चला रहे हैं.

दिल्ली के ऐसे तमाम स्कूलों की इन्हीं नीतियों से परेशान होकर अनुभव ने एक अभियान छेड दिया है. इस अभियान के तहत अनुभव हर वर्ग और हर समुदाय के लोगों के लिए निशुल्क किताबें मुहैया करा रहे हैं. उन्होंने ये मुहिम यूनाइटेड पैरेंट फाउंडेशन के बैनर तले शुरु की है. जिसमें वे हर वर्ग के स्कूली बच्चों और अभिभावकों के लिए किताबों को रीडसाइकल कर रहे हैं.

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400 से ज्यादा बच्चों की कर चुके हैं मदद

अनुभव राठी बताते हैं कि उनको यह मुहिम शुरू किए करीब 15 दिन का समय हुआ है. इस दौरान उन्होने लगभग 400 से ज्यादा स्कूली बच्चों की मदद कर चुके हैं. एक अकेले व्यक्ति द्वारा शुरू की गई इस मुहिम में आज उनके साथ और भी कई लोग जुड़ गए हैं, जो अनुभव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. इस मुहिम को दिल्लीवासियों की तरफ से अच्छा रिस्पोंस मिल रहा है और दूर-दराज से भी अभिभावक इनसे मदद ले रहे हैं.

लूट रहे हैं प्राइवेट स्कूल

अनुभव का कहना है कि आज प्राइवेट स्कूल अभिभावकों को लूटने में लगे हुए हैं. स्कूल प्रशासन द्वारा हर छोटी सी बात पर अभिभावक से पैसे की मांग की जाती है और पैसे ना देने पर अभिभावकों और उनके बच्चों को बहुत परेशान किया जाता है. अभिभावकों की इसी चिंता को देखते हुए उन्होने इस पहल की शुरुआत की. नतीजतन आज बढ़ चढ़ कर वह लोगों की मदद कर रहे हैं.

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