नई दिल्ली:नजफगढ़ के लोग कोरोना संक्रमण का खौफ दिन-ब-दिन बढ़ रहा है. नजफगढ़ में 55 गांव हैं, जहां ढाई लाख लोगों की आबादी है लेकिन यहां एक भी आइसोलेशन सेंटर नहीं बनवाया गया है. जिसके कारण इमरजेंसी हालात में उन्हें द्वारका का रुख करना पड़ता है.
नजफगढ़: ढाई लाख लोगों की आबादी वाले 55 गांवों में खल रही आइसोलेशन वार्ड की कमी
दिल्ली में कोरोना रिकवरी रेट के साथ कोरोना मामलों में भी इजाफा हुआ है. वहीं दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में 55 गांव हैं. इन गांवों में ढाई लाख लोगों की आबादी है. इसके बावजदू भी यहां पर कोई आइसोलेशन सेंटर नहीं बनवाया गया.
ढाई लाख आबादी हो रही प्रभावित
इस बारे में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए नजफगढ़ मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष हरेंद्र सिंघल ने बताया कि 55 गांव के लोगों के लिए सरकार द्वारा एक भी आइसोलेशन सेंटर नहीं बनवाया गया है. एकमात्र आइसोलेशन सेंटर खेरा डाबर में बना है, जो नजफगढ़ विधानसभा के अंतर्गत नहीं आता. इसलिए लोगों को इलाज के लिए द्वारका का रुख करना पड़ता है.
इमरजेंसी इलाज के लिए द्वारका का रुख
उनका कहना है कि यहां आइसोलेशन में रह रहे मरीजों या कंटेनमेंट जोन में रह रहे लोगों को अगर इमरजेंसी इलाज की जरूरत पड़े तो उनके पास ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिसका वह इस्तेमाल कर सकें. जिसके बाद लाखों रुपये खर्च कर द्वारका में इलाज करवाना ही उनके पास एकमात्र उपाय रह जाता है.
इसलिए वह सरकार से पुरजोर अनुरोध कर रहे हैं कि नजफगढ़ में जल्द से जल्द आइसोलेशन सेंटर का निर्माण करवाया जाए, ताकि यहां के लोग उस सुविधा का लाभ उठा सकें.