नई दिल्ली:भाद्रपद कृष्ण अष्टमी पर आद्या शक्ति मां कालका की जयंती के पावन अवसर पर कालकाजी मंदिर में यज्ञ का अनुष्ठान किया गया. महंत निवास परिसर, डेरा जोगियांन में मां कालिका का वैदिक मंत्रों द्वारा कमल के पुष्पो से विशेष पूजा की गई. जिसमें मां कालिका के सहस्र नामों ओर सम्पुट मंत्रो से हवन किया गया. मध्य रात्रि मे पूर्णाहूति के बाद भोग लगाकर भक्तों को प्रसाद का वितरण किया गया. मौके पर मंदिर को खूबसूरत लाइटों से सजाया गया था. कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन ही कालका माता का भी जयंती होता है.और इस मौके पर माता की विशेष पूजा अर्चना मध्य रात्रि में आयोजित की जाती है.
इस पीठ का अस्तित्व अनादि काल से है. माना जाता है कि हर काल में इसका स्वरूप बदला. मान्यता है कि इसी जगह आद्यशक्ति माता भगवती 'महाकाली' के रूप में प्रकट हुई और असुरों का संहार किया. तब से यह मनोकामना सिद्धपीठ के रूप में विख्यात है. मौजूदा मंदिर बाबा बालकनाथ ने स्थापित किया था. उनके कहने पर मुगल सम्राज्य के कल्पित सरदार अकबर शाह ने इसका जीर्णोद्धार कराया.
कालकाजी मंदिर का इतिहास