नई दिल्ली:राजधानी में कोरोना महामारी ने काफी कहर मचाया है. जिससे कई लोगों की जान जा चुकी है. इनमें से ज्यादातर लोगों की जान स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से जा रही है. इसी के चलते ईटीवी भारत की टीम लगातार दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से ग्राउंड रिपोर्ट कर रही है और जमीनी हालात जानने की कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम दिल्ली में बसे दूसरे देशों से आए शरणार्थी कैंपों का भी जायजा लिया.
कोरोना महामारी में क्या हैं रोहिंग्या मुसलमानों के हाल 2012-14 में आए थे शरणार्थी
कोरोना महामारी के दौरान शरणार्थियों के हालात जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम दक्षिण पूर्वी जिले के मदनपुर खादर इलाके में पहुंची. जहां हमने म्यांमार से आए रोहिंग्या मुसलमानों से बात की. शरणार्थी कैंप में रहने वाले लोगों ने बताया कि वे यहां 2012- 2014 के बीच आए थे और तभी से यहां रह रहे हैं. यहां पर 55 परिवारों के 270 लोग रहते हैं.
कोरोना से बचाव को लेकर कोई सुविधा नहीं
लोगों ने कोरोना महामारी को लेकर बताया कि यहां पर सरकारी स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं की गई है. हालांकि उनका कहना था कि 2020 में कोरोना टेस्ट यहां पर कराया गया था. लेकिन अभी यहां ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के वजह से काम धंधे बंद है, जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि NGO की तरफ से खाने-पीने की मदद की गई है.