नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा:एनटीपीसी के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे किसानों पर 1 नवंबर को पुलिस से झड़प के बाद पुलिस ने 500 किसानों पर मुकदमा दर्ज किया था और किसान नेता सुखबीर खलीफा सहित 12 किसानों को जेल भेज दिया था. जेल गए किसानों की रिहाई हो गई है. उसके बाद रविवार को किसान नेता सुखबीर खलीफा रसूलपुर में आंदोलन स्थल पर पहुंचे, जहां किसान अब भी अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं. वहां पर किसान नेता का जोरदार स्वागत किया गया.
कर रहे एक समान मुआवजा व स्थायी रोजगार की मांग: दरअसल, एनटीपीसी प्लांट के अधिग्रहण के लिए 1994 में 24 गांव के 22 सौ परिवारों से जमीन ली गई थी, जिसके बाद उस समय किसानों को एक समान मुआवजा नहीं मिला. एनटीपीसी के भूमि अधिग्रहण के समय प्रत्येक परिवार से एक सदस्य को स्थाई नौकरी देने का आश्वासन दिया गया था.
साथ ही 24 गांवों में स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधाओं का इंतजाम एनटीपीसी को करना था. किसान भी एक समान मुआवजा और स्थायी रोजगार की मांग कर रहे हैं. इसी को लेकर समय-समय पर किसान धरना प्रदर्शन व आंदोलन करते रहते हैं. 1 नवंबर को किसान अपनी मांगों को लेकर एनटीपीसी गेट के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. तभी पुलिस से किसानों की नोकझोंक हो गई. इसके बाद पुलिस ने किसानों पर वाटर कैनन से पानी की बौछार की और लाठीचार्ज कर दी. लाठीचार्ज में महिलाओं सहित एक दर्जन से ज्यादा किसान घायल हो गए थे. पुलिस ने 500 किसानों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और किसान नेता सुखबीर खलीफा सहित 12 किसानों को जेल भेज दिया.