दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

दिल्ली मेट्रो फेज-4 की मैजेंटा लाइन पर टनलिंग का काम हुआ पूरा

डीएमआरसी ने फेज-4 के निर्माण कार्यों में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. दिल्‍ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन पर जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर पर बन रहे कृष्णा पार्क एक्सटेंशन और केशोपुर के बीच टनलिंग का काम पूरा हो गया है.

दिल्ली मेट्रो फेज-4 की मैजेंटा लाइन पर टनलिंग का काम हुआ पूरा
दिल्ली मेट्रो फेज-4 की मैजेंटा लाइन पर टनलिंग का काम हुआ पूरा

By

Published : Nov 19, 2022, 8:44 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (Delhi Metro Rail Corporation) ने कृष्णा पार्क एक्सटेंशन और केशोपुर के बीच सुरंग बनाने का काम पूरा कर फेज-4 निर्माण कार्यों में एक और उपलब्धि हासिल की. शनिवार को कृष्णा पार्क एक्सटेंशन में 1.4 किलोमीटर लंबी सुरंग की खुदाई पूरी हुई. शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव और डीएमआरसी के अध्यक्ष की उपस्थिति में टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) बाहर आई.

73 मीटर लंबी विशालकाय टीबीएम का उपयोग कर इस टनल का सफलतापूर्वक निर्माण किया गया. इस खंड पर अब ऊपर और नीचे जाने के लिए दो समानांतर गोलाकार सुरंगों का निर्माण किया गया है जो कि जनकपुरी पश्चिम से केशोपुर तक 2.2 किलोमीटर लंबे भूमिगत खंड का हिस्सा है. इस खंड पर दूसरी समानांतर सुरंग का काम पिछले साल दिसंबर में पूरा हो गया था.

इस खंड का पूरा होना डीएमआरसी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण कार्य करने में यहां बार-बार अवरोधों का सामना करना पड़ा था. सभी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए वर्कफोर्स को बनाए रखा गया और उसी के अनुसार निर्माण कार्यों की योजना बनाई गई. इस भूमिगत खंड पर दो सुरंगों के अलावा रैंप और प्रवेश/निकास का काम पूरा हो चुका है. साथ ही कृष्णा पार्क एक्सटेंशन स्टेशन का लगभग 70 प्रतिशत काम भी पूरा हो चुका है. इस विशेष भूमिगत खंड का सिविल कार्य अगले वर्ष की शुरुआत तक पूरा हो जाएगा.

यह नया टनल स्ट्रेच पहले से चालू मैजेंटा लाइन टनल का विस्तार है, जिसका निर्माण पूर्व में ही; बॉटेनिकल गार्डन - जनकपुरी वेस्ट कॉरिडोर के वर्तमान परिचालन हेतु किया गया था. टनल का निर्माण लगभग 14 से 16 मीटर की गहराई तक किया गया है. टनल में करीब 2,000 रिंग लगाए गए हैं. इसका आंतरिक व्यास 5.8 मीटर है. टनल का अलॉइनमेंट बाहरी रिंग रोड के साथ-साथ और बहुमंजिला निर्मित संरचनाओं के नीचे है.

दिल्ली मेट्रो फेज-4 की मैजेंटा लाइन पर टनलिंग का काम हुआ पूरा

ये भी पढ़ें:सत्येंद्र जैन का मसाज कराते वीडियो वायरल होने पर कोर्ट ने ED को भेजा नोटिस

टनल बनाने के काम में माइक्रो टनलिंग पद्धति का उपयोग करके 8 मीटर की गहराई पर सीवर लाइनों को स्थानांतरित करने जैसी कई चुनौतियाँ शामिल थीं. इसके अलावा, बाहरी रिंग रोड पर भारी यातायात के कारण, यातायात प्रवाह को बाधित किए बिना बॉक्स-पुशिंग विधि का उपयोग करके एक सब-वे का निर्माण किया गया है.

टनल का निर्माण ईपीबीएम (अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मैथड) की अनुभूत तकनीक के साथ किया गया है, जिसमें प्रीकास्ट टनल रिंग्स से बनी कंक्रीट लाइनिंग है. सुरंग के छल्ले मुंडका में पूरी तरह से यंत्रीकृत कास्टिंग यार्ड सेटअप में डाले गए हैं. जल्दी सख्ती प्रदान करने के लिए इन कंक्रीट सेगमेंटों को स्टीम क्यूरिंग सिस्टम से तैयार किया गया था. आस-पास की संरचनाओं पर लगे अत्यधिक संवेदनशील उपकरणों के साथ जमीनी गतिविधियों की निगरानी करके निर्मित संरचनाओं के नीचे टनल का निर्माण करते समय सभी आवश्यक सुरक्षा सावधानियां बरती गई थी.

अनुमोदित फेज-4 निर्माण कार्य के हिस्से के रूप में 28.76 किलोमीटर लंबी भूमिगत लाइनों का निर्माण किया जाएगा. जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर में कुल 9.41 किलोमीटर लंबा भूमिगत सेक्शन होगा.

दिल्ली मेट्रो फेज-4 की मैजेंटा लाइन पर टनलिंग का काम हुआ पूरा

ये भी पढ़ें:दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का दावा करने वाली भाजपा, केजरीवाल से डर गई है: गोपाल राय

टीबीएम एक ऐसी मशीन है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार की मिट्टी और चट्टानी स्तरों के माध्यम से गोलाकार अनुप्रस्थ काट वाली सुरंगों की खुदाई के लिए किया जाता है. उन्हें कठोर चट्टान से लेकर रेत तक किसी भी चीज को भेदने के लिए डिजाइन किया जा सकता है. टीबीएम ने दुनिया भर में सुरंग बनाने के काम में क्रांति ला दी है, क्योंकि अब इमारतों और अन्य सतही संरचनाओं में छेड़-छाड़ किए बिना टनल की खुदाई की जा सकता है.

भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में भूमिगत सुरंग खुदाई के काम के लिए टीबीएम विशेष रूप से उपयोगी हैं. डीएमआरसी फेज-1 से अपने सुरंग निर्माण संबंधी कार्यों के लिए टीबीएम का उपयोग कर रही है. फेज-3 के लगभग 50 किलोमीटर लंबे भूमिगत खंड के निर्माण के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 30 टीबीएम का उपयोग किया गया था.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details