नई दिल्ली/नोएडा:लॉयड स्कूल ऑफ लॉ (Lloyd School of Law) ने 'लॉयड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिएशन एंड आर्बिट्रेशन'(LIMA) का दो दिवसीय उद्घाटन कार्यक्रम का आरम्भ किया. भारत के किसी भी लॉ कॉलेज में अपनी तरह का यह पहला मध्यस्थता और आर्बिट्रेशन केंद्र है. इस इंस्टिट्यूट का उद्घाटन भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट के ने किया. उद्घाटन में एशिया पैसिफिक सेंटर फॉर मेडिएशन एंड आर्बिट्रेशन की कार्यकारी निदेशक इरम मजीद, अधिवक्ता और मध्यस्थ रतन के. सिंह और वैभव कक्कड़, पार्टनर, सराफ एंड पार्टनर्स के वकील की उपस्थिति भी देखी गई.
न्यायमूर्ति भट ने इस इंस्टिट्यूट का लोगों जारी किया और उद्घाटन भाषण दिया. अपने संबोधन में उन्होंने मूल कानूनों के महत्व पर जोर दिया और कहा कि मध्यस्थता उच्च परिणामों वाला शक्तिशाली विकल्प है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) एक औपचारिक व्यवस्था में सबसे भरोसेमंद तंत्र में से एक है. वर्तमान समय के बारे में बात करते हुए कहा कि दुनिया ने हाल ही में महसूस किया है कि ऑनलाइन विवाद तंत्र व्यवस्था को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और समय की आवश्यकता मध्यस्थता का डिजिटलीकरण करना है. उन्होंने कानून के छात्रों से कहा कि ध्यान और मध्यस्थता नए आकर्षक करियर पथ हैं.
आज के कानूनी क्षेत्र में जहां अदालतों में लंबित मामले हैं, लॉयड का यह संस्थान मध्यस्थता के माध्यम से संविदात्मक विवादों को संबोधित करने की दिशा में आगे बढ़ने का एक तरीका है. यह वास्तव में व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की ओर ले जाएगा और दोनों पक्षों के लिए जीत की स्थिति का एक रास्ता भी है. इस प्रकार, लॉयड की पहल न्याय वितरण प्रणाली के हिस्से के रूप में एडीआर के बारे में जागरूकता पैदा करने का एक तरीका है.