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डॉलर के नाम पर लोगों को थमाता था कागज का बंडल, पुलिस के हाथ लगा ठग - दिल्ली डॉलर के नाम पर ठगी

दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने की पुलिस टीम के हाथ एक शातिर ठग लगा है. ये लोगों को डॉलर का झांसा देकर अपने गैंग के साथियों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम देता था. पुलिस ने इसके कब्जे से 5 मोबाइल फोन, डॉलर की शेप में कटे कागज का पैकेट और 2,500 रुपये नगदी को बरामद किया है.

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डॉलर के नाम पर ठगी करने वाला हुआ गिरफ्तार

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Published : Jul 24, 2020, 11:27 AM IST

नई दिल्ली:दक्षिणी पूर्वी जिले की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने की पुलिस ने एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है. इस पर अपने गैंग के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर लोगों को डॉलर का झांसा देकर ठगी करने का आरोप है. गिरफ्तार आरोपी की पहचान असीम मंडल (47) के रूप में हुई है, जोकि वेस्ट बंगाल के जिला नाडिया का रहने वाला है. हाल ही में इन्होंने एक टैक्सी चालक को अपना शिकार बनाया था.

डॉलर के नाम पर ठगी करने वाला हुआ गिरफ्तार
डीसीपी साउथ ईस्ट आर पी मीणा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी महज चौथी पास है और वह पहले सिक्योरिटी गार्ड के रूप में कार्य कर चुका है. इसके पास से पांच मोबाइल फोन, डॉलर की शेप में कटे कागज का पैकेट और 2,500 रुपये नगदी बरामद हुई है. हाल ही में इसने टैक्सी ड्राइवर को अपना निशाना बनाया था. आरोपी ने उसे पांच हजार यूएस डॉलर एक लाख रुपये में देने का झांसा दिया था.

17 जुलाई को असीम ने टैक्सी चालक संदीप को तैमूर नगर इलाके में डील के लिये बुलाया था. उसके साथ एक महिला और एक पुरुष साथी मौजूद थे. संदीप को यूएस डॉलर का पैकेट देकर एक लाख रुपये लेकर सभी गायब हो गए. पीड़ित ने पैकेट खोलकर देखा तो उसमें कागज की गड्डी थी. जिसके बाद पीड़ित ने इस संबंध में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में शिकायत दर्ज कराई.


22 जुलाई को हुई गिरफ्तारी

आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गाय है और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी एसएचओ इंस्पेक्टर राजेश कुमार मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस टीम बनाई गई. जिसके बाद पुलिस के द्वारा इलाके के सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए और एक मोबाइल नंबर पर जांच केंद्रित की गई.


मोबाइल नंबर रवि नामक डेंटिस्ट का पाया गया. पुलिस ओखला औद्योगिक क्षेत्र के डॉक्टर के क्लीनिक पर पहुंची और इसके बाद पुलिस सीडीआर के जरिए असीम तक पहुंची और 22 जुलाई को गाजियाबदा की खोड़ा कॉलोनी से उसे गिरफ्तार किया गया.


7 साल पहले आया था दिल्ली



पूछताछ में पुलिस को आरोपी ने बताया कि वह सात साल पहले वेस्ट बंगाल से दिल्ली आया था. उसने सीआर पार्क में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर नौकरी की थी. इसी बीच वह वेस्ट बंगाल के ही बादुल नामक शख्स से मिला. इसके अलावा एक महिला और कुछ अन्य लोग भी इनके गिरोह में शामिल हो गए.


यह शिकार को जाल में फंसाने के लिए उसे डॉलर से भरा बैग मिलने की कहानी सुनाते थे. इसके बाद कम पैसों में डॉलर मुहैया करवाने का लालच देकर भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसा लेते थे. जो कागज की गड्डी शिकार को दी जाती थी, उसके ऊपर और नीचे असली डॉलर लगा होता था. जैसे ही इनके हाथ में पैसे आते थे, पूरा गैंग फरार हो जाता था.

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