नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: 8 मार्च को विश्वभर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. महिलाओं को विशेष पहचान दिलाने और उनकी उपलब्धियों को विश्व पटल पर रखने के लिए 1996 में संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत की थी. ऐसे में महिला दिवस पर ईटीवी भारत एक ऐसी महिला की कहानी लेकर आया है, जिसने शिक्षा की अलख जगाने के लिए निशुल्क स्कूल शुरू किया और आज उसमें सैकड़ों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं.
नम्रता गुप्ता ने की शिक्षा के क्षेत्र में अलख जगाने काम: देश में सरकारों ने बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकारी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा प्रारंभ की है. वहीं शिक्षा का अधिकार राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के द्वारा भी प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही है, लेकिन इसके बाद भी बहुत से ऐसे बच्चे हैं जो शिक्षा से वंचित हैं. ऐसे ग्रेटर नोएडा की नम्रता गुप्ता ने बच्चों को शिक्षा दिलाकर मुख्यधारा में लाने की शुरुआत की है.
नम्रता गुप्ता पेशे से डॉक्टर (डेंटिस्ट) है और ग्रेटर नोएडा के सेक्टर अल्फा वन में रहती हैं. उन्होंने गरीब बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए निशुल्क स्कूल शुरू किया है, जिसमें 3 टीचरों को भी अप्वॉइंट किया गया है, जिनका वेतन (सैलरी) वह स्वयं देती है. साथ ही वह स्वयं स्कूल में बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराती हैं. उनके स्कूल में लगभग 100 बच्चे हैं, जिनको किताबें और पेंसिल सहित अन्य सामान वह निशुल्क उपलब्ध कराते हैं. इन बच्चों को शिक्षा से जोड़कर उनका भविष्य संवारने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है.
नम्रता गुप्ता ने बताया कि उन्होंने गरीब व मजदूरों के बच्चे जो स्कूल नहीं जाते या तो पूरे दिन इधर-उधर घूमते रहते हैं, ऐसे बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए उन्होंने बीड़ा उठाया. उन्होंने गायत्री देवी ट्रस्ट बनाया और उससे उन बच्चों को शिक्षा देने का निर्णय लिया. उन्होंने बताया कि वह पेसे से डेंटिस्ट हैं, उनकी सास से उन्हें सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा मिली. उनके गुजर जाने के बाद उन्हीं के नाम पर गायत्री देवी ट्रस्ट की उन्होंने स्थापना की और गरीब बच्चों को शिक्षा देने का काम कर रही हैं. इस काम मे उनके पति भी उनका सहयोग करते है.