नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश सरकार पूंजी निवेश के लिए निवेशकों को आमंत्रित कर रही है. निवेशकों को प्रदेश में पूंजी निवेश के लिए आकर्षित करने के लिए यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण की अतिमहत्वाकांक्षी परियोजनाओं जैसे अपैरल पार्क, हैन्डीकैप पार्क, खिलौना पार्क, एमएसएमई पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क, डेटा सेंटर पार्क इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चरिंग पार्क आदि से काफी उम्मीदें टिकी है.
जनवरी 2023 में आयोजित किए जा रहे ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट में इन परियोजनाओं के माध्यम से 10 लाख करोड़ के निवेश के लक्ष्य को हासिल करने के लिए काफी उम्मीद है. शुक्रवार को इन परियोजनाओं की की प्रगति रिपोर्ट जानने के लिए औद्योगिक विकास विभाग के राज्यमंत्री जसवंत सिंह सैनी ने प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की.
उत्तर प्रदेश सरकार ग्लोबल इनवेस्टर समिट के आयोजन से पूर्व दुनिया भर के पूंजी निवेश के केन्द्र माने जाने वाले देशों में रोड़ शो और वार्ता के द्वारा बड़े पूंजीपतियों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए वर्तमान बेहतर परिस्थितियों के बारे में बताएंगे. इसके लिए जहां उत्तर प्रदेश सरकार के आला मंत्री विदेशी दौरा कर रहे हैं. वहीं सरकार के विश्वास पात्र अधिकारी भी विदेशों में दौरा कर रहे हैं.
गौतमबुद्ध नगर के नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को भी पूंजी निवेश का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है. यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरूण वीर सिंह भी आगामी 10 दिसंबर से जापान और कोरिया में आयोजत होने वाले रोड शो में हिस्सा लेंगे. यह रोड शो दिनांक 10 दिसंबर से शुरू होकर 18 दिसंबर 2022 तक चलेगा.
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं यथा अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क, अपैरल पार्क आदि के लिए जापान और कोरिया के विभिन्न शहरों में निवेशकों के साथ बैठक कर रोड शो किए जाएंगे. संभव है कि ग्लोबल इनवेस्टर समिट को लेकर मिल रहे ग्लोबल रेस्पॉस को देखते हुए सरकार 10 लाख करोड़ के लक्ष्य को बढ़ाकर 15 लाख करोड़ कर सकती है. वहीं, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण को पूंजी निवेश के लिए दिए गए 60 हजार करोड़ के लक्ष्य को बढ़ाकर 1 लाख करोड़ किया जा सकता है.
समीक्षा बैठक में दौरान प्रधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने राज्यमंत्री जसवंत सिंह सैनी का स्वागत किया. उन्हें प्राधिकरण की योजनाओं एवं उनकी प्रगति से अवगत कराया. उन्होंने राज्यमंत्री को बताया कि प्राधिकरण से कलस्टर के रूप में औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है.