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जब तक नरेंद्र मोदी की सरकार है, किसानों की जमीन कार्पोरेट के हाथों में नहीं जाएगी: शाह

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Published : Dec 26, 2020, 6:36 AM IST

Updated : Jan 17, 2021, 6:57 PM IST

दक्षिणी दिल्ली के किशनगढ़ में किसान सम्मेलन में गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हुए. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों पर विपक्ष राजनीति कर रहा है. केंद्र में जब तक मोदी सरकार है, किसानों की जमीन कार्पोरेट के हाथों में नहीं जाएगी.

Amit Shah attended farmers conference
किसान सम्मेलन में शामिल हुए अमित शाह

नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली के किशनगढ़ गॉंव में किसान कानून के समर्थन में दिल्ली देहात के गांवों द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन में गृह मंत्री अमित शाह का दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता, दक्षिणी दिल्ली सांसद रमेश बिधूड़ी व ग्राम पंचायतों के सदस्यों ने भव्य स्वागत किया.

किसान सम्मेलन में शामिल हुए अमित शाह

मोदी सरकार ने ढाई साल में किसानों को दिए 95 हजार करोड़

इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि आज भारत का गौरव बढ़ाने वाली दो महान विभूतियों की जयंती है. दोनों महान विभूतियों ने भारतीय गौरव व संस्कृति को विश्व पटल पर आगे बढ़ाने का कार्य किया. पंडित मदन मोहन मालवीय ने बीएचयू की स्थापना करके भारतीय हिंदू दर्शन की परंपराओं को आगे बढ़ाया. इस महत्वपूर्ण दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी के माध्यम से देश के 9 करोड़ किसानों के खाते में 18000 करोड़ की सीधी राशि सम्मान निधि योजना के तहत भेजी गई है. यह राशि भारत के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में कारगर साबित होगी. कांग्रेस के 10 साल के शासनकाल के दौरान किसानों का 60 हजार करोड़ का ऋण माफ हुआ. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार में मात्र ढाई साल के दरमियान 10 करोड़ किसानों को 95000 करोड़ की राशि सीधे उनके बैंक अकाउंट में डाली गई और आज एक बार फिर 18 हजार करोड़ की राशि किसानों को सशक्त करने के लिए मोदी सरकार ने दी.

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खाद्यान्न उत्पादन बढ़कर 296 मिलियन टन हुआ

गृह मंत्री ने कहा कि बीजेपी जब से सरकार में आई है. हमने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया. इस अवसर पर अमित शाह ने कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े लोगों के सामने प्रस्तुत किए. उन्होंने बताया कि 2013-14 के दौरान कांग्रेस की सरकार के समय खाद्यान्न का उत्पादन 265 मिलियन टन था. मोदी सरकार में यह बढ़कर 296 मिलियन टन हो गया है. कांग्रेस सरकार में किसानों का बजट 21 हजार 900 करोड़ था. मोदी सरकार ने इसे बढ़ाकर 1 लाख 34 हजार 399 करोड़ रुपए कर दिया है.

मोदी सरकार ने एमएसपी की दर दोगुना की

अमित शाह ने कहा कि विपक्ष एमएसपी की बात कर रहा है. विपक्ष के नेताओं के पास कोई मुद्दा नहीं है. प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि एमएसपी थी, है और रहेगी. सालों से किसानों की मांग थी कि एमएसपी की दर फसल के उत्पादन की लागत की दोगुना हो. नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने इसको पूरा करके दिखाया. 2009 से 14 के बीच धान व गेहूं की खरीद पर 3 लाख 74 हजार करोड़ सरकार ने खर्च किये जिसको मोदी सरकार ने 2014 से 2019 में 8 लाख 22 हजार करोड कर दिया है.

मोदी सरकार में किसान की जमीन कार्पोरेट के हाथ में नहीं जाएगी

मोदी सरकार ने किसानों के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं चलाई हैं. सॉइल हेल्थ कार्ड, यूरिया की कालाबाजारी रोकी, 1000 मंडियों को ऑनलाइन किया, पीएम फसल बीमा योजना के तहत लाखों किसानों को फायदा पहुंचाया. अब यह तीनों कृषि सुधार कानून किसानों को सशक्त करने में महत्वपूर्ण साबित होंगे. मैं आपको यह विश्वास दिलाता हूं जब तक मोदी सरकार है तब तक देश के किसी भी किसान की जमीन कॉर्पोरेट के हाथों में नहीं जाएगी. इस सम्मेलन में रमेश बिधूड़ी ने कहा कि यह साबित हो चुका है कि आम किसान इस बिल से प्रभावित है और इस बिल के समर्थन में हैं.

Last Updated : Jan 17, 2021, 6:57 PM IST

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