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सरकारी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद भी नहीं मिली ट्रेन, फंसे प्रवासी मजदूर - sharmik train ticket

दिल्ली में रजिस्ट्रेशन कर स्क्रीनिंग सेंटर पर पहुंचने वाले प्रवासी मजदूरों के सामने भी समस्याएं आ रही हैं. लोगों के रजिस्ट्रेशन होने और मोबाइल पर मैसेज आने के बावजूद भी उनको उनके प्रदेश नहीं भेजा जा रहा है. ऐसे ही कुछ लोग जो झांसी और मध्य प्रदेश के छतरपुर जाना चाहते हैं.

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दिल्ली में फंसे प्रवासी मजदूर

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Published : May 19, 2020, 2:26 PM IST

नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में सरकारी इंतजामों और दावों के बाद भी पलायन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार यहां से पलायन की तस्वीरें सामने आ रही है. वहीं कई सरकारी कुव्यवस्था के भी शिकार प्रवासी लोग हो रहे हैं और उनको समस्याएं हो रही है. इसी कड़ी में जो लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. उनके मोबाइल पर मैसेज आने के बाद भी वो नहीं जा पा रहे हैं.

दिल्ली में फंसे प्रवासी मजदूर

स्क्रीनिंग सेंटर पर पहुंचे प्रवासी

प्रवासी लोगों के सामने अपने प्रदेश जाने को लेकर कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. रजिस्ट्रेशन कर स्क्रीनिंग सेंटर पर पहुंचने वाले लोगों के सामने भी समस्याएं आ रही हैं. लोगों के रजिस्ट्रेशन होने और मोबाइल पर मैसेज आने के बावजूद भी उनको उनके प्रदेश नहीं भेजा जा रहा है. ऐसे ही कुछ लोग जो झांसी और मध्य प्रदेश के छतरपुर जाना चाहते हैं. उनसे ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की और उनके परेशानियों के बारे में जाना.


'हमारे पास काम धंधा नहीं है, हम अपने प्रदेश जाना चाहते हैं'

झांसी जाना चाह रहे प्रवासी मजदूरों के इस जत्थे में महिला पुरुष सहित बच्चे भी शामिल थे. उन्होंने बताया कि वो दिल्ली के नजफगढ़ में रहते हैं. वहां मेहनत मजदूरी कर अपना भरण-पोषण करते हैं. लेकिन लॉकडाउन के वजह से उनका काम बंद है. उन लोगों ने घर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाए थे. जिसके बाद मोबाइल पर मैसेज आया, तो हम दक्षिणी दिल्ली के पुष्प विहार इलाके में स्थित दीपसार पहुंचे हैं. लेकिन इन्हें झांसी नहीं भेजा जा रहा है. प्रवासी मजदूरों का कहना है कि उन्हें बताया जा रहा है कि ट्रेनें भर गई.

'हम अपने प्रदेश जाना चाहते हैं'

एक प्रवासी ने कहा कि हमारे सामने कई समस्याएं हैं. हम नजफगढ़ से यहां इतना दूर आए हैं. अब हम कहां जाएं. इसके अलावा भी इन प्रवासी मजदूरों का कहना था कि हमारे घर पर हमारे बच्चे भी हैं. जो हमारी चिंता कर रहे हैं. जो परेशान हो रहे हैं. हम अपने प्रदेश जाना चाहते हैं. हमें भेजा जाए सरकार हमें भेजें.

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