नई दिल्ली/नोएडा:उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना के तहत आवारा गोवंश के लिए गोशालाएं बनाई गईं थीं. इस योजना के तहत दादरी तहसील के खंडेरा, बिसाहड़ा, ततारपुर, जारचा, प्यावली और खटाना धीरखेड़ा गावों में गोशाला बनाई गई, जिनमें आवारा गोवंश को रखने की व्यवस्था की गई, लेकिन इसके बाद भी आवारा गोवंश जंगलों में और सड़कों पर घूमता नजर आता है. आवारा गोवंश किसानों की फसल को भी नुकसान (stray cattle are harming crops of farmers) पहुंचा रहा है.
रात भर खेतों में चौकीदारी करते हैं किसान:आवारा गोवंश और नीलगाय से फसलों को ज्यादा नुकसान हो रहा है, जिसके लिए किसानों को रातभर ठंड में खेतों पर चौकीदारी करनी पड़ती है. इसके बाद भी किसानों की फसल को काफी नुकसान हो रहा है. आवारा गोवंश की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे किसानों को फसल करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
गोशालाओं में नहीं है अच्छी सुविधाएं:प्रशासन द्वारा संचालित गोशालाओं में गोवंश को रखने की अच्छी सुविधाएं नहीं है. वहां पर गोवंश को पेट भर चारा भी नहीं पाता. प्रशासन समय-समय पर गोशालाओं की व्यवस्था का जायजा लेते हैं. इसके साथ ही गोशालाओं में बहुत से लोग दान भी करते हैं, ताकि गौशाला में गोवंश को अच्छा चारा मिल सके. दादरी क्षेत्र में आवारा गोवंश की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है, जिसके लिए कहीं ना कहीं किसान भी जिम्मेदार हैं. किसान भी बैल को गोशाला में ना छोड़कर जंगल में छोड़ देते हैं, जिसके कारण उनकी संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है और किसानों की फसल को भी नुकसान हो रहा है.
यूपी सरकार भले ही गोशाला बनाकर गोवंश को संरक्षित करने का प्रयास कर रही है, लेकिन अभी भी गोवंश आवारा अवस्था में ही घूम रहा है. इससे एक तरफ किसानों को नुकसान होता है, वहीं दूसरी तरफ सड़कों पर भी हादसे का कारण बनते हैं. प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही गोशालाओं में गोवंश को रखने की सुविधाओं में भी कमी है.
ये भी पढ़ें: BJP विधायक की मौजूदगी में निगम कर्मचारी के साथ मारपीट, वीडियो वायरल