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Navratri 2023: दिल्ली में पूजा पंडालों पर दिखी रौनक, सप्तमी पूजा पर महिलाओं ने किया धूनीची डांस - बंगाली पूजा समितियों में काफी रौनक

Dhunichi Dance on Saptami Puja: शनिवार को नवरात्र के सातवें दिन सप्तमी पूजा पर भक्तों में काफी उत्साह देखा गया. पूजा पंडालों में खास कर बंगाली पूजा समितियों में काफी रौनक देखी गई. माता की मूर्ति के सामने सभी आपस में नाचते गाते खुशियां मनाते नजर आए.

Dhunichi dance on Saptami Puja
सप्तमी पूजा पर पंडालों में दिखी रौनक

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 22, 2023, 11:55 AM IST

सप्तमी पूजा पर पंडालों में दिखी रौनक

नई दिल्ली :शनिवार कोनवरात्र के सातवें दिन सप्तमी पूजा पर विशेष धूम देखी गई. दिल्ली में बने पूजा पंडालों में सप्तमी पर माता की विशेष पूजा अर्चना की गई. आरती के दौरान महिलाएं माता के प्रतिमा के सामने धूनीची नृत्य करती नजर आईं. धूनीची नृत्य के दौरान महिलाएं संध्या आरती के समय माता के प्रतिमा के सामने धूनीची पात्र लेकर धूप जला कर नृत्य करती हैं.

संध्या आरती के दौरान महिलाएं

दिल्ली में बंगाली समाज के लोगों के द्वारा पंडाल बनाए जाते हैं. वहां माता की प्रतिमा स्थापित कर नवरात्र के छठे दिन से पूजा अर्चना शुरू की जाती है. नवरात्रि के सातवें दिन भी पंडालों में विशेष पूजा होती है. सप्तमी के दिन पूजा पंडालों में माता की विशेष पूजा अर्चना की गई. चितरंजन पार्क इलाके और गोविंदपुरी इलाके में कई जगह पूजा पंडाल बनाए गए हैं. जहां पर माता की प्रतिमा स्थापित कर बंगाली कम्युनिटी के लोगों के द्वारा जगत जननी मां जगदंबा की पूजा की जा रही हैं.

धूनीची डांस करती महिलाएं

गोविंदपुरी दुर्गा पूजा समिति के प्रेसिडेंट ने बताया कि सप्तमी पूजा के मौके पर माता के संध्या आरती के दौरान बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं. महिलाएं धुनुची नृत्य कर रही है. हम लोग इस बार पूजा को बड़े ही उत्साह के साथ मना रहे हैं. क्योंकि बीते दो-तीन साल हम लोग कोरोना के कारण पूजा मन मुताबिक नहीं मना पाए थे. इस बार कोई पाबंदी नहीं है तो उत्साह के साथ पूजा मनाया जा रहा है.

सप्तमी पूजा पर पंडालों में दिखी रौनक

वहीं, धुनुची नृत्य में शामिल महिलाओं ने बताया कि पूरे साल दुर्गा पूजा का वो इंतजार करती हैं. जब दुर्गा पूजा आता है तो अपनी बंगाली परंपरा के अनुसार सभी परंपराओं को निभाते हैं. माता के भक्तों ने बताया कि माता इस दौरान हमारे लिए देवता या भगवान नहीं है बल्कि वह हमारी बेटी हैं और बेटी धरती पर हमारे घर आई हैं तो हम खुशी में हर चीज करते हैं. संध्या आरती के दौरान धुनुची नृत्य किया जाता है.

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