नई दिल्ली:जमात-ए-इस्लामी हिंद के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजस्थान के जुनैद और नासिर के परिजनों से मुलाकात की है. इसकी जानकारी जमात-ए-इस्लामी हिंद ने प्रेस नोट द्वारा दी है, जिसमें बताया गया है कि राजस्थान के भरतपुर जिले के घटमिका गांव का दौरा जमात-ए-इस्लामी हिंद के एक प्रतिनिधिमंडल ने किया , जो जुनैद (35) और नासिर (25) के परिवार के सदस्यों से मिला है, जिनकी कुछ दिनों पहले अपहरण कर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी और उनके शवों को हरियाणा के भिवानी में जला दिया गया था.
प्रोफेसर मोहम्मद सलीम इंजिनियर के नेतृत्व में जमात-ए-इस्लामी हिंद का एक प्रतिनिधिमंडल जुनैद और नासिर के परिजनों से मिला और अपनी सहानुभूति व्यक्त की. डेलिगेशन ने ईदगाह गांव का भी दौरा किया, जहां 15 फरवरी से ग्रामीण विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि सभी आरिपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और दोनों मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए.
प्रो. सलीम ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि 'हम ग्रामीणों के प्रदर्शन का समर्थन करते हैं और पीड़ित परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हैं. हम राजस्थान सरकार से उनके लिए न्याय और उचित मुआवजे की मांग करते हैं और हम उनके साथ मजबूती से खड़े हैं. जमात-ए-इस्लामी हिंद यह सुनिश्चित करेगा कि पीड़ितों के परिवारों को न्याय मिले और आगे आने वाले समय में ऐसी कोई घटना दोबारा न हो.'
प्रो. सलीम ने हत्या में शामिल आरोपियों के समर्थन में प्रदर्शन करने वालों की निंदा करते हुए राजस्थान और हरियाणा सरकार से मामले की जांच में एक-दूसरे का सहयोग करने और कानून के अनुसार असली दोषियों को जांच के दायरे में लाने की अपील की.
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मेवात इलाके में सालों से सक्रिय है अपराधियों का एक गिरोह:ग्रामीणों ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि हरियाणा और राजस्थान के मेवात इलाके में कई सालों से अपराधियों का एक गिरोह सक्रिय है, जो खुलेआम आपराधिक वारदातों को अंजाम देता है. पीड़ित परिजनों और ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हरियाणा पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध और निराशाजनक है. उनका आरोप है कि हरियाणा पुलिस ने अपराधियों को संरक्षण और समर्थन दिया है. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि लिंचिंग किए गए पीड़ितों को अपराधी खुद फिरोज़पुर झिरका पुलिस स्टेशन ले गए थे, फिर भी पुलिस ने न तो घायलों को कब्जे में लिया और न ही अपराधियों को गिरफ्तार किया. उनका ये भी आरोप है कि हरियाणा पुलिस ने अपराधियों को नासिर-जुनैद की गंभीर हालत देखते हुए भी साथ ले जाने दिया. बाद में हरियाणा के भिवानी के जंगल में जली हुई बोलेरो में पीड़ितों के जले हुए शव मिले. इंजीनियर सलीम ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि हरियाणा पुलिस का एक वर्ग मेवात इलाके में मुसलमानों के खिलाफ इस तरह की आपराधिक गतिविधियों में सीधे तौर पर शामिल है.
हालांकि राजस्थान पुलिस ने कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज की है और एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया है, लेकिन 7 आरोपियों को गिरफ्तार करना बाकी है. इसलिए पीड़ित परिवार और ग्रामीण राजस्थान पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है. उनकी मांग है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और दंडित किया जाए. प्रो. सलीम ने हरियाणा पुलिस के उन अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की मांग की है जिन्होंने अपराधियों को घायल पीड़ितों को लेकर जाने की अनुमति दी और बाद में गाड़ी में जला दिया.
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