नई दिल्ली:सीएए व एनआरसी के विरोध में जामिया नगर में हुए प्रदर्शन और हिंसा के एक साल पूरे हो गए है. इस अवसर पर बटला हाउस में कुछ लोगों ने 15 दिसंबर को काला दिवस घोषित कर कैंडल मार्च निकाला. हालांकि कुछ ही देर में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सभी को हटा दिया. पुलिस ने ये कार्रवाई कोविड- 19 दिशा-निर्देशों के चलते की गई है. इसकी पुष्टि साउथ ईस्ट जिले के डीसीपी आरपी मीणा ने की हैं.
जामिया प्रदर्शन की बरसी पर बटला हाउस में कैंडल मार्च सोशल मीडिया में गिरफ्तारी की खबर वायरल
कैंडल मार्च के दौरान पुलिस की कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया में खबर चलाई जा रही है कि प्रदर्शन कर रहे लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनको लाजपत नगर थाना ले जाया गया है, हिरासत में लिए गए लोगों में जेएनयू के छात्र रहे उमर खालिद की मां और बहन भी शामिल हैं. हालांकि पुलिस के तरफ से इस संबंध में कुछ नहीं कहा गया है. सोशल मीडिया में वीडियो को शेयर कर उसको बटला हाउस इलाके का बताया जा रहा है और बताया जा रहा है कि बटला हाउस इलाके से प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया हालांकि वीडियो की अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई.
वायरल खबर की पुष्टि नहीं सोशल मीडिया में वीडियो वायरल कर बताया जा रहा है कि कैंडल मार्च में शामिल उमर खालिद की मां और बहन को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है. वायरल वीडियो में भी पुलिस कुछ लोगों को ले जाते हुए दिख रही है. हालांकि पुलिस ने वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं की है. दक्षिण-पूर्वी जिले के पुलिस उपायुक्त राजेंद्र प्रसाद मीणा ने बताया कि सीएए विरोधी प्रदर्शन की बरसी मनाने के लिए मंगलवार को बटला हाउस में कुछ लोग जुटे थे, उनमें तीन महिलाएं भी शामिल थी. उन्हें पुलिस ने मौके से कोरोना महामारी के दिशा निर्देशों का हवाला देकर हटा दिया है.