नई दिल्ली:दिल्ली में राजनीतिक सरगर्मी काफी तेज है. आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इसी कड़ी में दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने केजरीवाल सरकार पर करोड़ों रुपए के एक और घोटाले का खुलासा किया है. इस घोटाले के तार भी पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से जुड़ा है. बीजेपी नेता के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय में आयुर्वेद संस्थाओं का अवैध पैनल 1 साल तक काम करता रहा. उस दौरान अधिकारियों के साथ मिलीभगत से सरकार को करीब 50 करोड़ रुपए का चूना लगाया. बिधूड़ी ने मामले की जांच के लिए एलजी को पत्र लिखा है.
23 आयुर्वेद संस्थाओं का पैनल: बिधूड़ी ने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा अप्रैल 2021 में सीजीएचएस के लाभार्थियों को आयुर्वेदिक दवाइयों का लाभ पहुंचाने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था. इसके लिए 23 आयुर्वेद संस्थाओं का एक पैनल बनाया गया था. साथ ही यह स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि यह पैनल केवल ट्रायल आधार पर एक वर्ष के लिए बनाया जा रहा है. दिल्ली सरकार के डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज ने भी इस पैनल को आयुष हेल्थ केयर संस्थान के रूप में ओपीडी और आईपीडी के लिए मान्यता दे दी. डायरेक्टर की तरफ से यह भी कहा गया कि इन संस्थाओं को केंद्र सरकार के सीजीएचएस में मान्यता दी गई है, इसलिए केवल उन्हीं संस्थाओं को इस पैनल में रखा गया है.
बिधूड़ी ने कहा कि केंद्र ने यह पैनल केवल एक वर्ष के लिए ही बनाया था. 31 मार्च 2022 को एक नोटिफिकेशन से इस पैनल को स्क्रैप कर दिया गया और इसका रिन्यूअल नहीं किया गया. हैरानी की बात यह है कि केंद्र सरकार द्वारा पैनल खत्म करने के बाद भी दिल्ली सरकार के डीजीईएचएस ने यह पैनल खत्म नहीं किया. उस दौरान उन 23 आयुर्वेद संस्थाओं को लाभ देना जारी रखा और उनके करोड़ों के बिल भी पास होते रहे.
धांधली की व्यूह रचना:बीजेपी नेता ने केजरीवाल सरकार से सीधा सवाल किया कि जब सीजीएचएस का पैनल 31 मार्च 2022 को खत्म हो गया, तो फिर सरकार के डीजीईएचएस ने इस पैनल को कैसे बहाल रखा. आगे उन्होंने कहा कि जब सरकार के स्वास्थ्य विभाग की इस धांधली का भेद खुलने लगा तो 10 मार्च 2023 को अचानक एक आदेश निकाला गया.