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अर्जुन राम मेघवाल और रमेश बिधूड़ी ने किसान पंचायत को किया संबोधित - कृषि बिल

दक्षिणी दिल्ली में कृषि बिल के समर्थन में किसान पंचायत का आयोजन किया गया. जहां सांसद रमेश बिधूड़ी और केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी पहुंचे. उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए नए कृषि बिल के फायदे बताए.

Arjun Ram Meghwal and Ramesh Bidhuri addressed Kisan Panchayat
किसान पंचायत

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Published : Oct 7, 2020, 2:28 AM IST

Updated : Oct 7, 2020, 2:59 AM IST

नई दिल्लीःदक्षिणी दिल्ली सांसद रमेश बिधूड़ी के नेतृत्व में कृषि बिल के समर्थन में किसान पंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, मुख्य वक्ता थे. इस दौरान दिल्ली प्रदेश भाजपा प्रवक्ता विक्रम बिधूड़ी मौजूद थे. इसके अलावा दक्षिणी दिल्ली जिले के विभिन्न गांवों के किसानों ने भी पंचायत में भाग लिया.

बीजेपी नेताओं ने किसान पंचायत को किया संबोधित

इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि सुधार बिल जो किसानों को समृद्ध, सशक्त और स्वतंत्र बनाने वाला बिल है. जिसमें किसानों की आय दोगुनी हो इस संकल्प को पूरा करने की ओर मोदी सरकार बढ़ चुकी है.

किसानों को सशक्त बनाना है उद्देश्य

अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि मोदी सरकार गरीब, मजदूर, किसान के विकास के लिए समर्पित है और अपने पहले कार्यकाल से किसानों के हितों के लिए प्रतिबद्ध रही है. सरकार का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को समृद्ध और किसानों को सशक्त बनाने पर रहा है.

मेघवाल ने कांग्रेस पर साधा निशाना

अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि किसानों की उन्नति हेतु बदलाव दशकों पहले ही हो जाना चाहिए था, परंतु वर्षों तक देश पर शासन करने वाली कांग्रेस सरकार किसानों के हितों की बजाय बिचौलियों के साथ खड़ी थी. उन्होंने कहा कि संसद में पास हुए विधेयक से 70 साल के बाद मोदी के नेतृत्व में किसानों की उन्नति का मार्ग प्रशस्त हुआ है.

रमेश बिधूड़ी ने बिल के फायदे बताए

सांसद रमेश बिधूड़ी ने भी किसानों को बिल के फायदे बताए. उन्होंने कहा कि अब कृषि सुधारों के माध्यम से किसानों को मंडियों के साथ-साथ एक नया प्लेटफॉर्म प्राप्त होगा. वह अपनी फसल को अपने इच्छा मूल्यों पर बेच सकेंगें. रमेश बिधूड़ी ने कहा कि अब किसान खरीददार से सीधे संपर्क कर सकेंगे और बीच में बिचौलियों को मिलने वाले लाभ के बजाय किसान को उनके उत्पाद की पूरी कीमत मिलेगी.

30 दिनों के अंदर विवाद का निपटारा

रमेश बिधूड़ी ने कहा कि अगर इस दौरान किसी भी विवाद की स्थिति बनती है, तो उसका निपटान भी 30 दिनों में स्थानीय स्तर पर हो सकेगा. खरीददार द्वारा उपयुक्त कृषि मशीनरी तथा उपकरण की व्यवस्था की जाएगी. देश में 10 हजार कृषक उत्पादक समूह (एफपीओ) निर्मित किए जा रहे हैं. कॉन्ट्रैक्ट सिर्फ उपज पर लागू होगा, किसान की जमीन पर नहीं. किसानों को अपने उत्पाद के लिए कोई उपकर नहीं देना होगा और उन्हें ढुलाई का खर्च भी वहन नहीं करना होगा.

Last Updated : Oct 7, 2020, 2:59 AM IST

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