दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

विश्व सिर की चोट जागरूकता दिवस : हल्के में न लें सिर की चोट, हो सकता है भारी नुकसान

सिर की चोट के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 20 मार्च को विश्व सिर की चोट जागरूकता दिवस मनाया जाता है. इस बार भी एम्स अस्पताल में यह महत्वपूर्ण दिवस मनाया गया. इस कार्यक्रम में हेड इंजरी को लेकर तमाम जानकारियां दी गईं.

हल्के में न लें सिर की चोट
हल्के में न लें सिर की चोट

By

Published : Mar 21, 2022, 4:51 PM IST

नई दिल्ली : सिर की चोट अगर मामूली भी है तो इसे कतई हल्के में न लें, नहीं तो यह भारी नुकसान पहुंचा सकती है. कई बार सिर की चोट (हेड इंजरी) लगने पर खून भी नहीं निकलता. लोग इसे सामान्य मानकर नजरअंदाज कर देते हैं. गंभीर बात यह है कि सिर की यह चोट कई दिनों बाद असर दिखाती है. कुछ मामलों में तो यह कई साल बाद असर दिखाती है. ऐसे में इसकी अनदेखी करना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. यही वजह है कि लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 20 मार्च को विश्व सिर की चोट जागरूकता दिवस या वर्ल्ड हेड इंजरी अवेयरनेस डे मनाया जाता है.

हेड इंजरी दिवस को एम्स अस्पताल में मनाया गया, जिसमें एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई और हेड इंजरी को लेकर तमाम जानकारी दी गई. एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि इमरजेंसी में हर माह 100 से ज्यादा केस सड़क दुर्घटनाओं के आते हैं. इनमें से जिनकी मृत्यु होती है, उनमें 65 फीसदी से ज्यादा सिर में चोट लगने के होते हैं. झगड़े में होने वाले मारपीट में भी मरने वाले लोगों में सिर की चोट के पीड़ित ज्यादा होते हैं.

हल्के में न लें सिर की चोट
न्यूरो सर्जन डॉ. एसएस काले ने बताया कि सिर पर चोट लगने के बाद अगर खून न निकले तो भी निश्चिंत न हों. यह काफी खतरनाक होता है. कई बार तो इसका असर 48 से 96 घंटे बाद नजर आता है. मरीज को चक्कर आना शुरू होता है, उल्टी होती है और वह कोमा में चला जाता है. ऐसे में न्यूरो सर्जन से इलाज कराना चाहिए. सिर पर चोट लगने के कई दुष्प्रभाव हैं. मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि राणा ने बताया कि सिर पर चोट लगने का असर 10 साल बाद तक सामने आता है. खेलते हुए या किसी अन्य कारण से सिर पर चोट लग जाती है. जवानी में ही याददाश्त कमजोर होने की बड़ी वजह सिर की चोट होती है. इसके कारण डिमेंशिया जैसी बीमारी होती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details