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JNU में रामायण के बाद अब गीता का होगा वेबिनार से पाठ - जेएनयू में वेबिनार

जेएनयू में अब छात्रों को वेबिनार के जरिए गीता का पाठ पढ़ाया जाएगा. 7 मई को 'भगवत गीता' का ये वेबिनार जेएनयू में आयोजित होगा. अमेरिका के ओक्लाहोमा स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सुभाष काक छात्रों को गीता का ज्ञान देंगे.

webinar on bhagvat geeta will be organized in jnu
जेएनयू में गीता पर होगा वेबिनार

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Published : May 5, 2020, 12:15 PM IST

नई दिल्ली:जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रामायण के पाठ के बाद अब छात्रों को गीता का पाठ पढ़ाया जाएगा. जेएनयू में 7 मई को 'भगवत गीता' पर वेबिनार का आयोजन किया जाएगा. अमेरिका के ओक्लाहोमा स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सुभाष काक छात्रों को गीता का ज्ञान देंगे. जेएनयू के वीसी प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने स्टेटमेंट जारी कर यह जानकारी दी है.

JNU में 7 मई को होगा गीता का वेबिनार से पाठ



मानवीय दृष्टिकोण पर चर्चा

जेएनयू कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने कहा कि कोविड-19 की माहामारी में छात्रों को मानसिक तनाव से राहत देने और उनके व्यक्तित्व की गुणवत्ता को और बढ़ाने के लिए ये पहल शुरू की जा रही है. उन्होंने कहा कि यह वेबिनार प्रोफेसर सुभाष काक के जरिये आयोजित किया जाएगा.

प्रो. सुभाष काक जेएनयू के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के विजिटिंग प्रोफेसर हैं. इस वेबीनार में वह अपने लेक्चर की शुरुआत उस चर्चा से करेंगे जिसमें वह बताएंगे कि तकनीकी विकास से दुनियाभर में क्या हानिकारक बदलाव हुए हैं और बताएंगे कि कैसे इस चुनौतीपूर्ण हालातों में आप अपने भविष्य के लिए कुछ बेहतर कर सकते हैं. इसके बाद वह भागवत गीता का उल्लेख करते हुए समझाएंगे कि किसी भी परिस्थिति में मानवीय दृष्टिकोण किस तरह का होना चाहिए.



पद्मश्री से सम्मानित हैं प्रो. काक

उन्होंने बताया कि प्रोफेसर काक साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, अर्क्योएस्ट्रोनॉमी और हिस्ट्री ऑफ साइंस के क्षेत्र में काम करते हैं. वह 2018 से इंडियन प्राइम मिनिस्टर साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य भी हैं. इसके अलावा 2019 में उन्हें पद्मश्री के सम्मान से सम्मानित भी किया जा चुका है.

प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने बताया कि प्रो. काक ने करीब 20 पुस्तकें लिखी हैं. इन पुस्तकों में माइंड एंड सेल्फ, द अश्वमेध और द विशिंग ट्री सहित उनकी आत्मकथा 'द सर्कल ऑफ मेमोरी' शामिल हैं.

साथ ही उन्होंने लंबे समय से खोई हुई वैदिक काल की एस्ट्रोनॉमी को भी खोज निकाला था, जिसे पाश्चात्य देशों के जर्नल्स में और भारत के पुस्तक 'एस्ट्रोनॉमिकल कोड ऑफ रिग वेदा' में पब्लिश किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि उन्होंने संस्कृत के कई लेखों को इंग्लिश में ट्रांसलेट किया है.

रामायण पर था पहले वेबिनार

जेएनयू में 2 और 3 मई को 'रामायण से लीडरशिप के लेसन' कैसे सीखें, इस पर एक सफल वेबिनार हो चुका है. अब गीता पर वेबिनार का फैसला जेएनयू प्रशासन ने किया है. बता दें कि पिछले दिनों राम के व्यक्तित्व के जरिये छात्रों को लीडरशिप क्वालिटी सिखाने के लिए आयोजित हुए वेबिनार का कई छात्रों ने विरोध किया था.

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