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सर्वे में आया सामने, ग्रेटर कैलाश के व्यापारियों ने की लॉकडाउन में छूट की मांग

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Published : May 26, 2021, 10:38 PM IST

कोरोना (Corona) के कारण दिल्ली में लॉकडाउन (lockdown in Delhi)  जारी रखा जाए अथवा नहीं, इसको लेकर कारोबारी संगठन (Trade organization ) सीटीआई (CTI) ने एक सर्वे कराया. इसमें दिल्ली के 440 से ज्यादा व्यापारी संगठनों ने हिस्सा लिया. सर्वे में व्यापारी वर्ग दो गुटों में बंटा नजर आया. 50 फीसद व्यापारियों ने लॉकडाउन (lockdown) जारी रखने के पक्ष में राय दी है. वहीं एम ब्लॉक मार्केट (M Block Market) के व्यापारियों ने इसमें छूट की मांग की है.

Trade organization CTI conducted a survey regarding the lockdown in Delhi due to Corona
एम ब्लॉक मार्केट के व्यापारी

नई दिल्ली:राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लॉकडाउन (lockdown) को लगाए हुए एक माह से अधिक हो गया है. इसकी वजह से कोरोना (Corona) संक्रमण की दर में भारी गिरावट भी आई है. लेकिन कोरोना के भयावह नए वैरिएंट और राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले दिनों में चौथी लहर के अंदेशे से व्यापारियों में उहापोह बरकरार है.

ग्रेटर कैलाश के व्यापारियों ने की लॉकडाउन में छूट की मांग

यही कारण है कि लॉकडाउन (lockdown) जारी रखने अथवा हटाने को लेकर कारोबारी संगठन (Trade organization) चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के सर्वे में व्यापारी वर्ग दो धड़ में बंटा नजर आया. 50 फीसद हटाने तो 50 फीसद ने जारी रखने के पक्ष में राय दी है. दिल्ली में 20 अप्रैल से लॉकडाउन लगा है. लेकिन अब दिल्ली के कुछ व्यापारी लॉकडाउन (lockdown) लगाने के फैसले पर साफ नहीं है. उनका कहना है कि दिल्ली में कुछ छूट देनी चाहिए, ताकि दुकानदार भी अपना काम धंधा चला सकें.

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ईटीवी भारत से बात करते हुए ग्रेटर कैलाश 1 (Greater Kailash 1) एम ब्लॉक मार्केट (M Block Market) के प्रधान राजेंद्र शारदा ने बताया कि अब दिल्ली सरकार को लॉकडाउन (lockdown) में छूट देनी चाहिए. जिस तरह से कल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने लॉकडाउन 31 मई तक बढ़ाया है, हमें उम्मीद नहीं थी इस बार भी लॉकडाउन बढ़ेगा,क्योंकि अब दिल्ली में 2.5 कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं.

उन्होंने बताया कि पिछले साल कोरोना (Corona) के कारण भी दिल्ली की मार्केट बंद रही थी. सबसे ज्यादा नुकसान व्यापारी वर्ग को झेलना पड़ रहा है, क्योंकि एम ब्लॉक मार्केट (M Block Market) में कई दुकानें ऐसी हैं जिनका किराया 7 -8 महीने आता है. लेकिन दुकानदार मार्केट बंद होने के बाद भी किराया दे रहे हैं. इसके साथ ही यहां पर 35% दुकान ज्वेलर्स की है. जिनमें करीब 1 दुकान पर 10 से 15 लोग काम करते हैं,उनको भी सैलरी देनी पड़ती है. तमाम छोटी-छोटी दुकानें भी हैं. उनमें भी लोग काम करते हैं.

अगर लॉकडाउन (lockdown) में छूट दी जाती है तो यहां पर लोग खरीदारी करने के लिए आएंगे. अन्य मार्केट के अलावा यहां पर भीड़ कम रहती है. यहां मार्केट में सामाजिक दूरी का भी ध्यान रखा जाता है. इसके चलते अब लॉकडाउन (lockdown) में छूट मिलनी चाहिए.

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कुछ दुकानदारों ने भी बताया कि आज उनके घर में भी काम धंधा बंद होने की वजह से पैसों की कमी आ गई है. इसके अलावा अगर मार्केट खुलने में कुछ छूट दी जाती है तो उनकी भी रोजी-रोटी चलेगी. इस कोरोना (Corona) महामारी में कई महीने से मार्केट बंद है और उनका भी घर परिवार है उन्हें भी खर्चा चलाने के लिए कुछ कम आना चाहिए. लेकिन जब उनकी दुकानें बंद है तो घर का खर्चा कैसे चलेगा.


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दिल्ली के तमाम व्यापारियों के बीच एक सर्वे कराया गया. इस सर्वे में दिल्ली के लगभग 440 से ज्यादा व्यापारी संगठनों ने हिस्सा लिया. जिसमें मार्केट, इंडस्ट्री, होटल, रेस्त्रां, ब्यूटी व वेलनेस संगठनों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया. सर्वे में कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, चावड़ी बाजार, सदर बाजार, खारी बावली, करोलबाग, कमला नगर, लाजपत नगर, कनाट प्लेस, कीर्ति नगर, कृष्णा नगर, राजौरी गार्डन, नेहरू प्लेस, साउथ एक्स, शाहदरा, गांधी नगर, लक्ष्मी नगर, रोहिणी, पीतमपुरा, जनकपुरी, मालवीय नगर, द्वारका व ग्रेटर कैलाश आदि बाजारों के व्यापारी नेताओं ने हिस्सा लिया.

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