नई दिल्ली:राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लॉकडाउन (lockdown) को लगाए हुए एक माह से अधिक हो गया है. इसकी वजह से कोरोना (Corona) संक्रमण की दर में भारी गिरावट भी आई है. लेकिन कोरोना के भयावह नए वैरिएंट और राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले दिनों में चौथी लहर के अंदेशे से व्यापारियों में उहापोह बरकरार है.
यही कारण है कि लॉकडाउन (lockdown) जारी रखने अथवा हटाने को लेकर कारोबारी संगठन (Trade organization) चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के सर्वे में व्यापारी वर्ग दो धड़ में बंटा नजर आया. 50 फीसद हटाने तो 50 फीसद ने जारी रखने के पक्ष में राय दी है. दिल्ली में 20 अप्रैल से लॉकडाउन लगा है. लेकिन अब दिल्ली के कुछ व्यापारी लॉकडाउन (lockdown) लगाने के फैसले पर साफ नहीं है. उनका कहना है कि दिल्ली में कुछ छूट देनी चाहिए, ताकि दुकानदार भी अपना काम धंधा चला सकें.
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ईटीवी भारत से बात करते हुए ग्रेटर कैलाश 1 (Greater Kailash 1) एम ब्लॉक मार्केट (M Block Market) के प्रधान राजेंद्र शारदा ने बताया कि अब दिल्ली सरकार को लॉकडाउन (lockdown) में छूट देनी चाहिए. जिस तरह से कल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने लॉकडाउन 31 मई तक बढ़ाया है, हमें उम्मीद नहीं थी इस बार भी लॉकडाउन बढ़ेगा,क्योंकि अब दिल्ली में 2.5 कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं.
उन्होंने बताया कि पिछले साल कोरोना (Corona) के कारण भी दिल्ली की मार्केट बंद रही थी. सबसे ज्यादा नुकसान व्यापारी वर्ग को झेलना पड़ रहा है, क्योंकि एम ब्लॉक मार्केट (M Block Market) में कई दुकानें ऐसी हैं जिनका किराया 7 -8 महीने आता है. लेकिन दुकानदार मार्केट बंद होने के बाद भी किराया दे रहे हैं. इसके साथ ही यहां पर 35% दुकान ज्वेलर्स की है. जिनमें करीब 1 दुकान पर 10 से 15 लोग काम करते हैं,उनको भी सैलरी देनी पड़ती है. तमाम छोटी-छोटी दुकानें भी हैं. उनमें भी लोग काम करते हैं.