नई दिल्ली: धरती पर जैसे-जैसे पेड़ों की संख्या कम होती जा रही है, वैसे-वैसे इसका असर हमारे जीवन पर पड़ना शुरू हो गया है. अगर हम अभी नहीं संभले तो आने वाली पीढ़ी के लिए बहुत मुश्किल समय हो सकता है. पर्यावरण के नुकसान के कारण धरती पर ग्लोबल वार्मिंग का असर देखा जा रहा है. अप्रैल और मई के महीनों में कहीं जोरदार बारिश हुई तो कहीं बर्फ भी पड़ी थी. वैज्ञानिकों की मानें तो यह सब पेड़ों की कटाई और ग्लोबल वार्मिंग के कारण हो रहा है. गांवों में तो फिर भी हरियाली ठीक है, लेकिन शहरों मे हरियाली खत्म होती जा रही है.
शहरों में सरकार और कई एजेंसियां पेड़ पौधे लगा रही है. साथ ही लोगों को जागरूक भी कर रही है, लेकिन यह प्रयास प्राप्त नहीं है. LIC में बड़े अधिकारी पद मौजूद राकेश वर्मा को शुरू से ही पेड़ पौधों से काफी लगाव था, लेकिन समय के अभाव में ज्यादा कुछ नहीं कर पाते थे. कोविड के समय में राकेश वर्मा ने सबसे पहले पौधों के सुंदर सुंदर बोनजाय सैफ बनाना शुरू किया. उसके बाद अपने छत के टेरिस पर ही पौधे लगाना शुरू किया. इसमें अलग-अलग तरह के देशी और विदेशी फूल के पौधे लगाना शुरू किया. इनको इन पौधों से इतना प्यार होने लगा कि पुरे समय इन्हीं पौधों में लगे रहते थे.