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दिल्ली सरकार के नए आदेश से टेंट कारोबारी मायूस, आर्थिक तंगी का कर रहे सामना - शादी में दिल्ली सरकार की गाइडलाइन का असर

दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए शादियों में मात्र 50 लोगों को ही आने की अनुमति है. दूसरी तरफ सार्वजनिक रूप से मनाए जा रहे छठ पर्व पर भी रोक लगाई गई है. जिसके चलते टेंट हाउस चलाने वाले कारोबारियों के सामने जीवन-यापन का संकट खड़ा हो गया है.

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दिल्ली सरकार के नए आदेश से टेंट कारोबारी मायूस

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Published : Nov 17, 2020, 8:56 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. जिसके चलते सरकार ने शादियों में मात्र 50 लोगों को ही आने की अनुमति दी है. वहीं दूसरी तरफ सार्वजनिक रूप से मनाए जा रहे छठ पर्व पर भी रोक लगाई गई है. जिसके चलते टेंट हाउस चलाने वाले कारोबारियों काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. आलम ये है कि उनका जीवन-यापन करना मुश्किल हो गया है.

दिल्ली सरकार के नए आदेश से टेंट कारोबारी मायूस.

शादियों के सीजन में टेंट हाउस में सन्नाटा

मसूदपुर इलाके के नील कमल टेंट हाउस के ऑफिस में इन दिनों शादियों की बुकिंग के लिए काफी लोग पहुंचते थे, लेकिन इस बार ऑफिस में सन्नाटा पसरा हुआ है. वहीं अगर डायरी की बात की जाए तो डायरी भी पूरी तरीके से खाली है. अमूमन इस महीने में नवंबर के महीने से लेकर दिसंबर के महीने तक शादियों का सीजन होता है. जिसको लेकर हर साल बुकिंग ही बुकिंग होती हैं, लेकिन इस बार की बात की जाए तो इस साल आधा नवंबर बीत चुका है, लेकिन सिर्फ एक बुकिंग ही मिली है. जिसके चलते वे काफी दु:खी हैं. कारोबारियों को थोड़ी उम्मीद थी कि छठ पर्व पर कुछ काम हो जाएगा, लेकिन इस बार सार्वजनिक रूप से छठ घाटों पर भी छठ पूजा नहीं होगी. जिससे कारोबारियों पर कोरोना की वजह से दोहरी मार पड़ी है.

लॉकडाउन से ठप्प है कारोबार

टेंट कारोबारी ने बताया कि गोदाम का किराया तो है ही लेबर का पैसा भी अपने जेब से ही देना पड़ रहा है. उनका कहना है कि शादी में 50 लोग पहुंचेंगे तो लोग सामान भी कम मंगवाएंगे और कुछ लोग तो टेंट भी नहीं लगाएंगे. ऐसे में अब खर्चा निकालना भी मुश्किल है. उन्होंने बताया कि जबसे लॉकडाउन लगा है, तभी से टेंट हॉउस का काम ठप है. अब जबकि सरकार ने सबकुछ खोल दिया है तो इन्हें भी उम्मीद जगी कि इनका रोजगार भी चल पड़ेगा, लेकिन सरकार के नए आदेश ये काफी मायूस है और अब उन्हें चिन्ता सताने लगी है कि आगे अब कैसे चलेगा.

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