नई दिल्ली: चुनाव आचार संहिता लगने से पहले साउथ एमसीडी अगले साल के लिए अपना बजट पेश करने वाली है. इन दिनों निगम में बजट पर चर्चाएं चल रही हैं. यहां राजस्व बढ़ाने पर खासा जोर है, जिसमें टैक्सियों पर प्रचार, रेजिडेंशियल इलाकों में पार्किंग, हाउस टैक्स और ट्रांसफर ड्यूटी में सख्ती और रेलवे की खाली पड़ी जमीन का इस्तेमाल तक करने के सुझाव दिए गए हैं.
साउथ MCD बजट के दौरान हुई इन मुद्दों पर चर्चाएं स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में गुरुवार को सदस्यों ने यहां कई सुझाव दिए. श्रीनिवासपुरी से पार्षद राजपाल सिंह ने कहा कि निगम में अभी के समय में कई परियोजनाओं में और नीतियों में बदलाव की जरूरत है. उन्होंने कहा कि निगम के हाउस टैक्स से लेकर विज्ञापन नीति को अगर थोड़ा अलग नजरिए से देखा जाए तो ये फायदेमंद साबित हो सकता है.
विज्ञापन से है फायदा
मसलन अगर दिल्ली मेट्रो रूट पर पड़ने वाले स्थानों पर बोल रहे और दूसरे विज्ञापन के संसाधन तलाशे जाएं या दिल्ली में चलने वाले लाखों रिक्शा, जिनमें ऑटो रिक्शा, बैटरी रिक्शा, साइकिल रिक्शा शामिल हैं. इन पर विज्ञापन के स्रोत तलाशे जाएं तो यह निगम के लिए फलदायक हो सकता है.
रेलवे की जमीन पर हुई चर्चा
बैठक में सुझाया गया कि रेलवे के पास बहुत ही जमीन खाली पड़ी है. पहले जब निगम ने कोशिश की थी तो रेलवे ने इस जमीन का इस्तेमाल पेड़ पौधे उगाने के लिए करने को कहा था. हालांकि कुछ अधिकारियों की वजह से नहीं हो पाया. इसी दिशा में दोबारा प्रयास किया जा सकता है.
पार्षद सतपाल खेड़ा ने सुझाया कि हाउस टैक्स और ट्रांसफर ड्यूटी के लिए निगम को थोड़ा गंभीरता से सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए बिल्डिंग विभाग की मदद ली जा सकती है, जिसमें जिन लोगों ने 5 साल से टैक्स जमा नहीं करवाया है उन्हें चिन्हित करके मुख्यधारा में लाया जाए और जिन्होंने 10 साल या कभी भी टैक्स नहीं हो रहा है. उन्हें मॉर्निंग और फिर एमनेस्टी स्कीम के माध्यम से हाउस टैक्स सिस्टम से जोड़ा जाए.
साउथ एमसीडी में इन दिनों बजट पर चल रही है चर्चा
विपक्ष के नेता नरेंद्र गिरसा इससे पहले अनाधिकृत कॉलोनियों में बिल के आधार पर लोगों से हाउस टैक्स वसूले जाने की पैरवी कर चुके हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया है कि वह नहीं चाहते कि किसी भी तरह का टैक्स बढ़ाया जाए. बताते चलें कि साउथ एमसीडी में इन दिनों बजट पर चर्चा चल रही है. चुनाव के मद्देनजर कमिश्नर ने आचार संहिता लागू होने से पहले इसे पेश किया है और उसके बाद दिसंबर महीने में ही नेता सदन निगम का फाइनल बजट पढ़ेंगी.