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Published : Feb 5, 2019, 8:59 PM IST

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समाज में माहवारी को लेकर फैले मिथ्य को तोड़ने की है आवश्यकता : सिसोदिया

नई दिल्ली: पीरियड को लेकर समाज में बनी मिथ्य को तोड़ने की आवश्यकता है. इसको लेकर हमें घरों में बच्चियों के साथ इस विषय में बात करना चाहिए. इसी के जरिये ही संसार आगे बढ़ता है. यह बात दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मेंस्ट्रूअल हेल्थ और अवेयरनेस डे के मौके पर गैर सरकारी संस्था सच्ची सहेली द्वारा आयोजित पीरियड्स फेस्ट 19 और पैड यात्रा कार्यक्रम के दौरान कही.

मनीष सिसोदिया

बता दें कि इस कार्यक्रम का आयोजन कनॉट पैलेस में स्थित सेंट्रल पार्क में किया गया. इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा एनडीएमसी की सचिव रश्मि सिंह, सरकारी स्कूल के शिक्षक और बड़ी संख्या में स्कूली छात्राएं मौजूद रहीं.

मनीष सिसोदिया

मिथ्य को तोड़ने की जरूरत
वहीं छात्रों और सेंट्रल पार्क में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकारी स्कूल में पढ़ रही छात्राएं अब निडर हो गई हैं. वह समाज में फैले मिथ्य को तोड़ रही हैं. अब छात्राएं अपने घर परिवार में इसे लेकर आसानी से अभिभावकों से बात कर पा रही है. उन्होंने कहा कि देश की सोच इन्हीं बच्चियों के जरिये ही बदला जा सकता है. साथ ही कहा कि बेशक हम आधुनिक युग में रह रहे हैं, लेकिन आज भी माहवारी के दिनों में लोग बाल नहीं धुलते और ना ही पूजा करने देते हैं जो कि गलत है.
सिसोदिया ने कहा कि इसका विरोध खुद लड़कियों को करते हुए समाज को परिवर्तन की दिशा में ले जाना होगा. साथ ही कहा कि इस मिथ्य को तोड़ने के लिए हम सबको मिशन की तरह काम करना होगा तभी माहवारी से जुड़े भ्रामक प्रचार को खत्म किया जा सकेगा.

हम बच्चियों को शब्द दे रहे- डॉ. सुरभि
वहीं सच्ची सहेली की संस्थापक डॉ. सुरभि सिंह ने कहा कि पैड पकड़ते हुए लोगों को आज भी शर्म आती है. उन्होंने कहा कि लोग उसे काली पॉलीथिन में खरीद कर ले जाते हैं. साथ ही कहा कि लोगों की इसी सोच को बदलने के लिए ही यह पैड यात्रा निकाली गई थी, जिसमें सब कुछ पैड शेप का बनाया गया है और हाथों में पैड लेकर यह यात्रा निकाली गई. डॉ. सुरभि सिंह ने कहा कि शिक्षा की कमी की वजह से माहवारी को लेकर लोगों में भ्रांतियां फैली हुई हैं, जिसे दूर करना सबकी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि हम बच्चियों को शब्द दे रहे हैं ताकि माहवारी को लेकर शर्म और हिचक बाहर निकल सके. डॉ. सिंह ने कहा कि 'तू बोलेगी, मुहं खोलेगी, तभी जमाना बदलेगा'. यही हमने बच्चियों को अच्छी तरह से समझाया है.

पैड यात्रा निकाली गई
वहीं डॉ. अरुण गुप्ता ने कहा कि किसी भी क्लीनिक में कुछ ही लोगों को समझा सकते हैं, लेकिन समाज में माहवारी को लेकर फैले हुए मिथ्य को दूर करने के लिए कुछ बड़ा करने की जरूरत थी. इसी को ध्यान में रखकर ही कनॉट पैलेस में यह पैड यात्रा निकाली गई है. उन्होंने बताया कि सच्ची सहेली के बैनर तले अब तक स्कूलों में करीब 50 हजार से अधिक छात्रओं को शिक्षित कर चुके हैं.

मिथ्य पर नुक्कड़ नाटक
वहीं, इस मौके पर स्कूली छात्राओं द्वारा पैड यात्रा निकाली गई. पैड यात्रा कनॉट पैलेस के इनर सर्कल में गाजे-बाजे के साथ निकाली गई. पीरियड फर्स्ट 19 व पैड यात्रा के इस कार्यक्रम में स्कूली छात्रों द्वारा समाज में फैली माहवारी के मिथ्य को दर्शाते हुए एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया. इसके अलावा छात्रों ने विभिन्न प्रदेशों की संस्कृति पर आधारित एक लोक नृत्य भी प्रस्तुत किया.

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