नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. वहीं बुधवार को छात्रों के इस प्रदर्शन को जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद का भी समर्थन मिला, जो अपना प्रेजेंटेशन बायकॉट करके छात्रों का समर्थन करने जेएनयू पहुंची. साथ ही उन्होंने जेएनयू प्रशासन से छात्रों की मांगों को पूरी तरह से मानने की अपील की है.
'अमीर गरीब की दीवार खड़ा करना गलत'
शेहला राशिद ने कहा कि प्रदर्शनकारी संगठन को सभी सीनियर छात्रों ने समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि जेएनयू की गरिमा ही इस बात से है कि यहां पर सब को शिक्षा का समान अधिकार दिया जाता है. यह ऐसा विश्वविद्यालय है, जहां झाड़ू लगाने वाले के बच्चे से लेकर राजनेताओं के बच्चे सब एक साथ पढ़ते हैं. बिना किसी भेदभाव के एक साथ मेस में खाना खाते हैं. ऐसे में सब्सिडी के नाम पर छात्रों के बीच अमीर-गरीब की दीवार खड़ा करना पूरी तरह से गलत है.
उन्होंने कहा कि अमीर और गरीब के बच्चे जब साथ कॉलेज में पढ़ते हैं, तभी उस कॉलेज के शिक्षा का स्तर बेहतर माना जाता है. ऐसे में यदि दोनों के बीच लकीर ही खींचनी है, तो संविधान में दिए गए शिक्षा के मौलिक अधिकार को बदल दिया जाए या उसका सम्मान करते हुए सभी को एक साथ कॉलेज में पढ़ने का अधिकार दिया जाए.