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SDMC बजट: मध्यम वर्ग के लोगों पर पड़ सकता है प्रॉपर्टी टैक्स का अतिरिक्त बोझ

प्रस्तावित बजट में रिहायशी कालोनियों की श्रेणी में भी बदलाव किया है. जिससे मध्यम वर्गीय कालोनियों में रहने वालों को पॉश कालोनियों के बराबर श्रेणी में रखा गया है. जिसका सीधा बोझ लोगों की जेब पर पड़ेगा.

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Published : Nov 16, 2019, 7:32 AM IST

साउथ एमसीडी

नई दिल्ली: साउथ एमसीडी की कमिश्नर ज्ञानेश भारती ने शुक्रवार को साल 2019-20 का संशोधित बजट अनुमान और 2020-21 का अनुमानित बजट पेश किया. 2020-21 के अनुमानित बजट के हिसाब से निगम की वार्षिक आय 4704.33 करोड़ रुपये और वार्षिक व्यय 5245.63 करोड़ रुपये होगी.

प्रस्तावित बजट में रिहायशी कालोनियों की श्रेणी में भी बदलाव किया है. जिससे मध्यम वर्गीय कालोनियों में रहने वालों को पॉश कालोनियों के बराबर श्रेणी में रखा गया है. जिसका सीधा बोझ लोगों की जेब पर पड़ेगा.

कालोनियों की श्रेणियां 3 से घटाकर दो

निगम की ओर से प्रस्तावित बजट में प्रॉपर्टी टैक्स के लिए कालोनियों की श्रेणियां 3 से घटाकर 2 कर दी गई है. मौजूदा समय में निगम आठ श्रेणी की कालोनियों से तीन स्लैब में संपत्ति कर वसूल करता है. इसमें ए, बी श्रेणी से 12 प्रतिशत, सी,डी,ई श्रेणी से 11 प्रतिशत और एफ,जी एच श्रेणी की कालोननी से 7 प्रतिशत संपत्ति कर वसूल किया जाता है. प्रस्तावित बजट के अनुसार सी,डी,ई श्रेणी की कालोनियों से भी 12 प्रतिशत की स्लैब के अनुसार कर लिया जाएगा.

अभी के समय में निगम में 3,83,395 प्रॉपर्टी टैक्सपेयर हैं. कमिश्नर का कहना है कि संपत्ति कर की श्रेणी में बदलाव से सालाना लगभग 70 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आमदनी होगी. इसी के साथ लोगों से प्रॉपर्टी टैक्स का 1 प्रतिशत शिक्षा सेस भी वसूला जाएगा.

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