नई दिल्ली:आफताब अमीन पूनावाला ने अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वॉकर की हत्या (shraddha murder case) करने का जुर्म तो कबूल कर लिया है लेकिन यह कैस अब भी बेहद अनसुलझा बना हुआ है. आफताब और श्रद्धा इसी साल दिल्ली आए थे. दोनों महरौली में किराए पर फ्लैट लेकर लिव-इन में रह रहे थे. दोनों के बीच अक्सर झगड़े होते रहते थे. इस साल 18 मई को दोनों में शादी की बात को लेकर झगड़ा हुआ था, जिसके बाद आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर दी और उसके शव के 35 टुकड़े करके अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया.
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय का कहना है कि भारत में अभी तक कोई कठोर कानून नहीं है. उन्होंने अपने जीवन में दिल्ली जैसा कांड आज तक नहीं देखा है. उन्होंने कहा कि भारत में कोई ऐसा कठोर कानूनी है. उन्होंने नारको, पॉलीग्राफ, ब्रेन-मैपिंग कानून लाने की बात भी कही. कहा कि आफताब का नारको टेस्ट किया जा सकता है, लेकिन अदालत उसे मानेगी नहीं, आरोपी इससे भी बच कर निकल सकता है.
हमें ऐसे कानून बनाने होंगे जिसकी मदद से 6 महीने के अंदर ऐसे अपराधियों को फांसी दिलवाई जा सके. तभी ऐसे केस में कमी आएगी. जो भी ऐसे वारदात को अंजाम देने के बारे में सोचेगा तो उसे पता लग जाएगा कि उसे भी जल्दी फांसी होगी, तो शायद इस केस में कमी आए.