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राजनीति की भेंट चढ़ गया संगम विहार का मुख्य मार्ग - संगम विहार निगम पार्षद जितेंद्र कुमार

रतिया मार्ग सड़क का निर्माण कार्य 6 साल से जारी है, लेकिन अभी तक यह सड़क बनकर तैयार नहीं हुई है. लगभग ढाई मीटर लंबी रतिया मार्ग मुश्किल से 500 मीटर ही पक्की कंक्रीट की बनाई गई है. इसे लेकर स्थानीय लोगों में गुस्सा है. जानिए संगम विहार का मुख्य मार्ग पक्का क्यों नहीं बन पाया.

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रतिया मार्ग सड़क निर्माण

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Published : Oct 22, 2020, 7:33 PM IST

नई दिल्लीः रतिया मार्ग संगम विहार की हालत बेहद खस्ता है. गली नंबर 17 के आगे कच्ची सड़क है. सड़क की दोनों तरफ बड़ी नाली बनाई जा रही है. इसके लिए जगह-जगह खुदाई कर दी गई है, लेकिन काम रुका पड़ा है. नाली के लिए खोदी गई जगह से जो मिट्टी निकाली गई है. उसे बाहर ऐसे ही खुले में छोड़ दिया गया है, जिससे धूल उड़ कर लोगों की दुकानों में जा रही है और वहां से गुजरने वाले लोगों की सांस से होते हुए उनके फेफड़ों तक जा रही है. जगह-जगह खुदाई होने की वजह से लोगों की दुकानदारी चौपट है.

रतिया मार्ग का निर्माण कार्य अभी भी जारी

धूल ने किया हाल बेहाल

स्थानीय निवासी दीपक ने बताया कि रतिया मार्ग सड़क के बनते हुए 6 साल पूरे हो गए, लेकिन अभी तक यह सड़क बन कर तैयार नहीं हुई है. लगभग ढाई मीटर लंबी रतिया मार्ग मुश्किल से 500 मीटर ही पक्की कंक्रीट की बनाई गई है. नाली बंद होने से गंदा पानी सड़क पर फैला रहता है. अभी तक जब नाला ही बनकर तैयार नहीं हो पाया है तो सड़क कब तक बनकर तैयार हो पाएगा. यह साल भी ऐसे ही बीत रहा है. हम लोग 5000 से लेकर 10000 रुपये दुकान का किराया भर रहे हैं. सड़क की स्थिति अच्छी नहीं होने के चलते ग्राहक नहीं आ रहे हैं.

धूल और प्रदूषण से लोग परेशान

एक और स्थानीय निवासी सुरेश ने बताया कि विकास के नाम पर सिर्फ छलावा हो रहा है. जगह-जगह गड्ढे खोद दिए गए हैं, ताकि लोगों को यह महसूस होता रहे कि काम हो रहा है. जगह-जगह मलवा डाल दिया गया है, जो हवा के साथ उड़कर लोगों के घरों और दुकानों में पहुंच रहा है.

पहले ही दिल्ली प्रदूषण की समस्या से परेशान है. इस तरह से अगर खुदाई कर मिट्टी को छोड़ दिया जाए तो लोगों का सांस लेना मुश्किल हो जाएगा. अभी कोरोना का डर वैसे भी सभी लोगों को है. थोड़ी सी भी छींक आती है तो डर लगता है कि कहीं कोरोना तो नहीं हो गया? सरकार को इससे क्या फर्क पड़ता है मर तो पब्लिक रही है ना?

अतिक्रमण की वजह से चौड़ाई कम

रतिया मार्ग में केवल कुछ सौ मीटर की सड़क बनाकर क्यों छोड़ दी गई. पूरे रतिया मार्ग को कंक्रीट का क्यों नहीं बनाया गया? जब यह सवाल निगम पार्षद जितेंद्र कुमार जीतू से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जिस समय रतिया मार्ग का चौड़ीकरण का काम किया जा रहा था सड़क के दोनों तरफ 3-3 फिट की नाली बनाई जा रही थी, इसकी वजह से सड़क की चौड़ाई कम हो रही थी. 40 फीट की सड़क 30 फीट तक सिमट गई थी. ऐसी स्थिति में अगर सड़क को पक्की कर भी दिया जाता तो लोगों को कितनी परेशानी होती.

'अतिक्रमण हटाने के लिए चला बुलडोजर'

सड़क की जमीन पर जिन लोगों ने कब्जा जमाया हुआ था, उन्हें जगह खाली करने को कहा गया, तो वह खाली करने को तैयार नहीं हुए. इसको लेकर कार्रवाई की गई. सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वाले की दुकानों को तोड़ने के लिए उस पर बुलडोजर भी चलाया गया. इस कार्रवाई के दौरान एक तीन मंजिल बिल्डिंग गिर गई. कार्रवाई के खिलाफ जिन दुकानदारों को परेशानी हुई वह मामले को कोर्ट में लेकर चले गए.

'क्रेडिट की होड़ में फंस गया रतिया मार्ग का काम'

इस दौरान चूंकि चुनावी मौसम था तो राजनीतिक पार्टियां राजनीति करने में लगी रहीं. विपक्षी पार्टी के लोगों ने दुकानदारों को भड़काकर इस मामले को कोर्ट तक ले गए. क्योंकि उन्हें इस बात का डर था कि अगर यह सड़क चौड़ी हो गई तो यहां आम आदमी पार्टी के विधायक को इसका क्रेडिट मिल जाएगा और उनकी राजनीति बंद हो जाएगी.

'कोर्ट से क्लियर होते ही पूरा होगा अधूरा काम'

लॉकडाउन लगने की वजह से कोर्ट की कार्यवाही नहीं हो रही थी. अब कोर्ट खुल गई है. उम्मीद है कि इस मामले में जल्दी ही फैसला आएगा और रतिया मार्ग को चौड़ी करने के साथ-साथ पूरी तरह से कंक्रीट का बना करके चमका दिया जाएगा.

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