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अंगदान के सपोर्ट में 'राइड ऑफ लाइफ' का आयोजन - Delhi mein raid of Life ka aayojan

अंगदान के सपोर्ट में दिल्ली में 'राइड ऑफ लाइफ' (Ride of Life) का आयोजन किया गया. सौ किलोमीटर की ये सेंचुरी राइड पांच घंटे 17 मिनट में पूरी हुई. इस राइड का मुख्य उद्देश्य ऑर्गन एवं टिशूज डोनेशन को प्रमोट करना था.

ride of life organized
राइड ऑफ लाइफ का आयोजन

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Published : Jan 27, 2022, 9:50 AM IST

नई दिल्ली:गणतंत्र दिवस के अवसर पर 'राइड ऑफ लाइफ' (Ride of Life) के फाउंडर एवं एम्स ओर्बो के मेडिकल सोशल वेलफेयर अधिकारी राजीव मैखुरी ने राइड ऑफ लाइफ की एक सेंचुरी राइड (Century Ride) पूरी की. उनके इस 'सेंचुरी राइड' (Century Ride) में तीन अन्य राइडर्स भी शामिल हुए. राइडर्स कारगिल फीड फ्यूल स्टेशन से सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर शुरू हुई. यह फ्यूल स्टेशन शहीद कैप्टन अनुज नायर (Martyr Captain Anuj Nair) की याद में स्टैब्लिश की गई है. पांच घंटे 17 मिनट में पूरे सौ किलोमीटर की यात्रा पूरी की गयी.

सौ किलोमीटर के इस सेंचुरी राइड (Century Ride) का रूट गाजियाबाद के वसुंधरा एनक्लेव से लेकर नोएडा, ग्रेटर नोएडा के परी चौक से होते हुए आगरा एक्सप्रेसवे तक एक तरफ की यात्रा पूरी की गई. ग्रेटर नोएडा के बुद्धा सर्किट तक 51 किलोमीटर की यात्रा एक तरफ की पूरी हुई. उसके बाद वहां से इतनी ही दूरी तय कर वापस वसुंधरा एनक्लेव पहुंचे.

राइड ऑफ लाइफ का आयोजन

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राजीव ने बताया कि सेंचुरी राइड (Century Ride) का उद्देश्य लोकतंत्र के महापर्व गणतंत्र दिवस को अलग अंदाज में सेलिब्रेट करने के अलावा अंगदान एवं टिशूज डोनेशन (Organ and tissue donation) के प्रति लोगों में जागरूकता लाना था. ऑर्गन डोनेशन एवं टिशूज डोनेशन को लेकर इस नोबेल कॉज को प्रमोट करने के लिए उनके साथ कम से कम 15 ऐसे राइडर्स जुड़ चुके हैं जो राइड ऑफ लाइफ का वेराबल्स पहने होते हैं, जिसमें 'आई सपोर्ट ऑर्गन डोनेशन, उनका नाम और उनका ब्लड ग्रुप लिखा होता है'.

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राजीव बताते हैं कि छुट्टी के दिन चाहे वह वीकेंड्स का दिन हो या कोई और दिन 'राइड ऑफ लाइफ' (Ride of Life) के राइडर्स नोबल कॉज के लिए राइड पर निकल पड़ते हैं. हमें पता है कि कोरोना काल चल रहा है. इसलिए कोरोना प्रोटोकॉल का बाकायदा पालन करते हुए राइड करते हैं. सभी राइडर्स ने वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके हैं और उनमें से अधिकतर ने तो प्रीवेंटिव डोज भी ले लिए हैं.

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