नई दिल्ली: कोरोना का कहर एक बार फिर बढ़ गया है. रविवार को करीब 4200 के नए मामले सामने आए और इन मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. इसके बावजूद त्यौहार की समय में लोग सुरक्षा के उपाय मास्क और फिजिकल डिस्टेंस को भूलने लगे हैं. यही कारण है कि कोटे के तहत बांटे जा रहे फ्री राशन के लिए लिये कोरोना के बढ़ते खतरे को भी नजरअंदाज कर रहे हैं. कोरोना काल में राशन कार्ड धारियों को नवंबर महीने तक मुफ्त राशन दिया जा रहा है. संगम विहार गली नंबर 12 में राशन की दुकान पर अक्टूबर महीने का राशन बांटने के दौरान कूपन को लेकर हंगामा मच गया. 50 लोगों को बांटा गया और उसके बाद करीब 200 लोगों को बिना कोई नंबर का के सादे कागज की टुकड़ी थमा दी और उन्हें कतार में खड़ा होने को बोल दिया गया.
लोग मरने-मारने पर उतारू
डीलर बांके बिहारी से जब पूछा गया कि उन्होंने लोगों को कूपन क्यों नहीं बांटा तो इसपर बिना मास्क के राशन की पर्ची काटने में व्यस्त बांके बिहारी ने बताया कि कूपन के लिए लोगों ने हंगामा किया. जिसके चलते यहां भगदड़ मच गई, इसलिए सभी को कूपन नहीं दिया जा सका. लोगों के फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखने के लिए गोला भी बनाया गया, लेकिन लोग इसका पालन नहीं कर पाए. लोग कूपन के लिए तो लड़ने-मरने को तैयार हैं.
पहले राशन पाने की मच गई होड़
कतार में लगे लोगों को सादा कागज देने के मामले पर डीलर ने बताया कि उन्होंने केवल 50 कूपन बांटे हैं. लोगों को किसने सादा कागज बिना नंबर का दिया उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. सभी को राशन मिलेगा, इसलिए मैंने सबको लाइन में लगे रहने के लिए बोल दिया. लेकिन सभी को पहले राशन चाहिए, लोगों में कोई अनुशासन है ही नहीं. हैरानी की बात यह थी कि सैकड़ों लोगों के बीच में राशन के लिए पर्चा काटने वाला डीलर अपने चेहरे पर मास्क नहीं लगाए हुए थे और ना ही वहां उनके सामने सैनिटाइजर रखी हुई थी. बड़े आराम से मुंह में गुटखा दबाए चबाए जा रहे थे. ऐसा लगता है कि गुटखा उन्हें कोरोना से बचा लेगा.