दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

कुतुब मीनार के स्मिथ्स फॉली का काम पूरा, पिछले 8 महीनों से चल रहा था काम - Qutub Minar maintenance work completed

दिल्ली के कुतुब मीनार पर लाल बलुआ पत्थर के खंभे के संरक्षण का काम पूरा हो गया है. इसकी मरामत भारतीय पुरातत्व विभाग ने की है, जो पिछले आठ महीने से चल रहा था.

s
s

By

Published : Nov 23, 2022, 7:52 PM IST

Updated : Nov 23, 2022, 9:02 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली के महरौली में स्थित कुतुब मीनार स्मिथस फॉली के रूप में लोकप्रिय लाल बलुआ पत्थर के खंभे के संरक्षण का काम एएसआई पुरातत्व विभाग ने पूरा कर लिया है. एएसआई ने फरवरी में काम शुरू किया था और पिछले महीने इसका काम पूरा हो गया है. यहां कुछ सजावटी टुकड़ों को फिर से लगाया गया है, बुरी तरह से क्षतिग्रस्त को संरक्षित किया गया और एक स्तंभ आधार, जिसमें दरारें पड़ गई थी, उसको भी बदल दिया गया है. वहीं, एएसआई की तरफ से बताया गया था कि अगर संरक्षण का काम पूरा नहीं किया जाता तो ढांचा गिर सकता था, पूरा ढांचा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था.

कुतुब मीनार की जानकारी रखने वाले देश-विदेश से आने वाले लोगों को गाइड करने वाले ज्ञानचंद ने बताया कि मूल रूप से कुतुब मीनार के ऊपर एक कपोला था. जो 1803 में एक बड़े भूकंप के दौरान गिर गया था. इसे 1828 में ब्रिटिश भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट ने निर्मित किया था. उन्होंने पांचवीं मंजिल पर एक स्तंभित कपोला स्थापित किया था, जिससे एक छोटा निर्माण हुआ. हालांकि 1848 में कपोला को नीचे ले जाया गया था क्योंकि यह विस्काउंट हार्डिंग के निर्देशों के तहत सल्तनत युग की संरचना से मेल नहीं खाता था.

कुतुब मीनार के स्मिथ्स फॉली का काम हुआ पूरा

एएसआई का काम कोई जल्दबाजी में नहीं होता, आराम से काम होता है एक अच्छे तरीके से काम किया जाता है. इसमें बलुआ के लाल पत्थर को लगाया गया है, जिसमें चमक रहती है. जब से भारतीय पुरातत्व विभाग को मॉन्यूमेंट यानी भारत सरकार प्रमोट करने लगी है तभी से इस तरह की धरोहरों को और भी संरक्षित किया गया है. भारतीय पुरातत्व विभाग पहले से बेहतर बनाने के लिए समय-समय पर इनकी देखरेख करता रहता है

ये भी पढ़ें:दिल्ली की जामा मस्जिद में अब अकेली नहीं जा पाएंगी लड़कियां

कुतुब मीनार के बाहर पिछले 27 सालों से लोगों को गाइड करने वाले ज्ञानचंद ने बताया कि पिछले 8 महीने से लगातार यहां पर काम चल रहा था. गुमक का काम पूरा हो चुका है, यहां लाल बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने बताया कि जब भारत पर आक्रमण हुआ था तब यह छतिग्रस्त हो गया था, लेकिन अब जो भी यहां पर क्षतिग्रस्त था उसे ठीक कर दिया गया है. एएसआई पुरातत्व विभाग की तरफ से जो भी दरारें पड़ी थी उनको ठीक करवा दिया गया है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Nov 23, 2022, 9:02 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details