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डॉक्टरों ने 16 सप्ताह की गर्भवती महिला की सफल डिलीवरी के साथ की कैंसर की सफल सर्जरी, जानिए पूरा मामला - cervical cancer

गर्भावस्था किसी भी महिला के जीवन के सबसे सुखद अनुभवों में से एक होता है, लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में महिला को गर्भावस्था के दौरान सर्विकल कैंसर होने की भी बात सामने आती है. मिजोरम की महिला के साथ ऐसा कुछ ही हुआ, लेकिन वे हार न मानते हुए इलाज की कठिन प्रक्रिया से गुजरी और एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया. इसके बाद महीनों चली कीमोथेरेपी से आज वह और बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Pregnant woman beat cancer
Pregnant woman beat cancer

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 24, 2023, 4:23 PM IST

Updated : Aug 24, 2023, 10:17 PM IST

डॉ. मनु भदौरिया

नई दिल्ली:दिल्ली के अपोलो अस्पताल में मिजोरम की 39 वर्षीय गर्भवती महिला मरीना सीएच राल्टे ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया. खास बात है कि उस वक्त तक मरीना सर्विकल कैंसर से जूझ रही थीं. यह कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस के संक्रमण के कारण होता है. उन्हें गर्भावस्था के दौरान ही पता चला की वह इस बीमारी से ग्रसित हैं. तब वह 16 हफ्ते से गर्भवती थीं. जांच में सात सेंटीमीटर लंबे ट्यूमर की पहचान हुई. पहले तो वे इस बात से घबरा गईं, लेकिन बाद में उनकी हिम्मत और डॉक्टरों के देखभाल से उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया. वहीं, महीनों तक चली कीमोथेरेपी से अब मरीना कैंसर से जंग जीत चुकी हैं. मां-बेटी एक स्वस्थ जीवन जी रही हैं.

टीम बनाकर किया गया इलाज: बच्ची के जन्म और मरीना की कीमोथेरेपी के लिए अस्पताल की मेडिकल टीम बनाई गई थी. इसमें मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, स्त्री रोग विशेषज्ञ, सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञ और रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट को शामिल किया गया. इसके बाद नवंबर 2021 से कीमोथेरेपी की शुरुआत हुई, जिसमें कुल सात चक्रों में कीमोथेरेपी की गई. इसमें मां और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित सावधानीपूर्वक इलाज किया गया था, क्योंकि यह दुर्लभ स्थिति थी. डेढ़ साल बाद आज बेबी और मां दोनों स्वस्थ है.

सुरक्षित डिलीवरी के लिए बनाई योजना:कीमोथेरेपी के दौरान मेडिकल टीम ने बच्चे के विकास पर बारीकी से नजर रखने और उसके स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से भ्रूण की निगरानी की. साथ ही बच्चे की सुरक्षित डिलीवरी के लिए एक योजना बनाई. इसमें महिला को लोअर सेगमेंट सिजेरियन ऑपरेशन से गुजरना पड़ा और उन्होंने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया.

अपनी बच्ची के साथ मरीना सीएच राल्टे

दुर्लभ मामलों में से एक: अपोलो कैंसर सेंटर के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. पीके दास ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान सर्विकल कैंसर, एक बड़ी घातक बीमारी खतरे के रूप में देखी जा रही है. प्रति 10,000 बच्चों के जन्म में से 0.8 से 1.5 मामलों में सर्विकल कैंसर होने की आशंका होती है. एक अध्ययन से पता चला है कि सर्विकल कैंसर से पीड़ित 1-3% महिलाएं या तो गर्भवती हैं या प्रसवोत्तर अवस्था (प्रसव के बाद के पहले छह हफ्ते) में हैं.

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इनमें से अधिकतर मामले प्रसवपूर्व देखभाल के दौरान या बच्चे के जन्म के एक साल के भीतर सामने आते हैं. अधिकांश रोगियों को बीमारी के प्रारंभिक चरण में ही निदान मिल जाता है. वहीं रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. मनो भदौरिया ने कहा कि कैंसर के साथ गर्भावस्था दुर्लभ है. हमें उपचार जारी रखते समय होने वाले बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होती है. वहीं, मरिना ने बताया कि पूरे इलाज में लगभग 17 से 18 लाख रूपये का खर्च आया. उनके पति मिजोरम के अईजोल में एक रेस्टोरेंट चलाते हैं.

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Last Updated : Aug 24, 2023, 10:17 PM IST

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