नई दिल्ली: नीट काउंसलिंग में हो रही देरी को लेकर सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर निर्माण विहार स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय आवास के बाहर भी प्रोटेस्ट करने को मजबूर हैं. लेकिन इन सब का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. अस्पतालों में इलाज कराने आ रहे दूर-दरार से लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है.
17 दिसंबर से फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर नीट काउंसलिंग में हो रही देरी को लेकर हड़ताल पर हैं. इमरजेंसी ओपीडी सभी सेवाएं सफदरजंग अस्पताल में पूरी तरह से ठप कर दी गई है.
रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल से मरीज परेशान ये भी पढ़ें: नीट काउंसलिंग में देरी के विरोध में रेजिटेंड डॉक्टरों की हड़ताल, एम्स के डॉक्टर्स का कैंडल मार्च
रेजिडेंट डॉक्टर के हड़ताल से मरीजों को हो रही परेशानी का ईटीवी भारत की टीम ने सफदरजंग अस्पताल पहुंचकर जायजा लिया. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मरीजों और उनके तीमारदारों ने बताया कि उन्हें डॉक्टरों के हड़ताल के बारे में पता नहीं था. उन्होंने कहा कि सरकार को इनकी मांगे मान लेनी चाहिए जिससे मरीजों को परेशानी न झेलनी पड़े. ईटीवी भारत से बात करते हुए एक तीमारदार ने बताया कि वह अपने किसी रिश्तेदार को सर्जरी की डेट मिली थी, जिसे दिखाने आए थे, लेकिन डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से सर्जरी की डेट आगे बढ़ा दी गई है.
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